Q. “ Language is source of power . " Explain . " भाषा शक्ति का स्रोत है । " व्याख्या करें ।
उत्तर -
शक्ति का अर्थ एवं परिभाषाएँ ( Meaning and Definition of Power )
शक्ति को अंग्रेजी में पावर ( Power ) कहा जाता है जिसका आशय ताकत से होता है । यदि सामाजिक सन्दर्भ में देखा जाये तो इस सम्बन्ध को अभिजन वर्ग से जोड़ा जाता है ।
हर्टिन तथा हण्ट के अनुसार , “ दूसरों की क्रियाओं को नियन्त्रित करने की क्षमता ही शक्ति है । शक्ति सामाजिक संरचना का मुख्य आधार है ।
समाज में शक्ति दो रूपों में परिलक्षित होती है - सत्ता के रूप में तथा प्रभाव के रूप में । परम्परागत ग्रामीण समुदायों में शक्ति संरचना के तीन प्रमुख माने जाते थे - जमींदारी प्रथा , ग्राम पंचायत तथा जाति पंचायत । किन्तु वर्तमान ग्रामीण भारत में आधुनिक व्यवस्थाओं तथा नियोजित परिवर्तन की योजनाओं के कारण शक्ति संरचना के इन परम्परागत आधारों का विघटन हो गया है ।
भूमि सुधार कानून ,पंचायती राज , सहकारी आन्दोलन , सर्वोदय , वयस्क मताधिकार तथा अन्य अनुकूल परिस्थितियों ने शक्ति के नये प्रतिमान स्थापित कर ग्रामीण भारत में वर्ग निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ की है । निम्न तथा पिछड़ी जातियाँ भी संवैधानिक लाभ उठाकर अब शक्तिशाली हो गयी हैं । शक्ति के नये प्रतिमानों ने वर्ग प्रणाली को प्रोत्साहित किया है ।
भाषा और शक्ति ( Language and Power )
भाषा और शक्ति एक - दूसरे से घनिष्ठत रूप से सम्बन्धित हैं । जिस भाषा को बोलने वाले , समझने वाले अधिक लोग होते हैं , राजनीतिक सत्ता में उसे अधिक महत्त्व दिया जाता है और उनके हाथों में अधिक शक्ति आ जाती है क्योंकि सत्ता और शक्ति आपस में सम्बन्धित होते हैं । बहुसंख्यक भाषा - भाषी अपनी भाषा को महत्त्व प्रदान करने के लिए संघर्ष करते हैं तथा सत्तापक्ष में भाषायी शक्ति के आधार पर अपनी पहचान बना लेते हैं ।
अधिकांशत : जिनके पास जन शक्ति होती है , राजनीतिक गलियारों में उन्हें विशेष महत्त्व दिया जाता है । सत्ता सदैव संस्थागत होती है । वह वैधानिक रूप से महत्त्वपूर्ण समझी जाती है , भाषा के आधार पर एक भाषाभाषी शक्ति के रूप में सत्ता को प्रभावित कर लेते हैं । सत्ता प्रभाव और शक्ति का ही एक रूप होती है । अत : भाषा और शक्ति परस्पर एक - दूसरे को प्रभावित करते हैं ।
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