संख्या पूर्ण अवधारणा
संख्या पूर्व अवधारणाओं का विकास
हमारे जीवन में हर जगह हमें संख्याओं की जरूरत पड़ती है । गणित विषय का तो आधार ही संख्या है । प्राथमिक स्तर पर बच्चों को संख्या और गिनती का ही ज्ञान दिया जाता है । बच्चों में संख्या की अवधारणा विकसित होने से पहले छोटा - बड़ा , मोटा - पतला , कम ज्यादा का ज्ञान होता है । उन्हें इस अवस्था में संख्या व गिनती का ज्ञान नहीं हाता है । यह अवस्था विद्यालय जाने से पूर्व की अवस्था होती है ।
संख्या की अवधारणा की समझ
विद्यालय आने पर बच्चों को सबसे पहले 1-100 तक की गिनती याद कराया जाता है । लेकिन बच्चों को गिनती याद हो जाए तो इसका मतलब यह नही है कि उनमें संख्या और गिनती का समझा विकसित हो गया है । बच्चो को संख्या और गिनती समझने में थोड़ी परेशानी होती है । NCF और BCF को ध्यान में रखकर बच्चों को इसका ज्ञान खेल - खेल या अन्य गतिविधियों द्वारा दिया जाता है । बच्चों को संख्या का अर्थ समझाने के लिए उनमें निम्नलिखित क्षमताओं का विकास किया जाता है I. वर्गीकरण : - जब वस्तुओं को उनके गुण के आधार पर साथ - साथ रखा जाता है तो उसे वर्गीकरण कहते हैं । जब बच्चे वर्गीकरण करने लगते हैं तो उनमें तार्किक क्षमताओं का विकास होता है ।
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