Types of discipline ( अनुशासन के प्रकार ) | anushasan ke Prakar

अनुशासन के प्रकार बताएँ-


उत्तर- अनुशासन के प्रकार-अनुशासन के सम्बन्ध में विभिन्न कल्पनाओं के आधार पर अनुशासन के निम्नांकित तीन स्वरूप या प्रकार हैं-


(i) दमनात्मक अनुशासन पुरातन धारणा के अनुसार अनुशासन का वह स्वरूप है, जिसका अर्थ विद्यार्थियों को शक्ति, भय और आतंक से नियंत्रित करना होता है। यह अमनोवैज्ञानिक एवं अलोकतांत्रिक है।


(ii) प्रभावात्मक अनुशासन इसके अनुसार शिक्षक को अपने आदर्श, आचरण और चारित्रिक गुणों के अनुकरण करने की प्रेरणा छात्रों को देनी चाहिए तथा छात्रों में दण्ड का भय उत्पन्न न कर शिक्षक के प्रति श्रद्धा और भक्ति विकसित की जानी चाहिए। यह एक आदर्शवादी दृष्टिकोण है, जिसमें छात्र के व्यक्तित्व का स्वतंत्र विकास न होकर छात्र को शिक्षक का अनुकरण करने वाला बना दिया जाता है। मैकमन का मत है कि छात्रों के ऊपर शिक्षक के व्यक्ति की प्रधानता लादना भी एक प्रकार का दण्ड है तथा छात्रों द्वारा शिक्षक का अंधानुकरण करना अनुचित है। अतः अनुशासन का यह रूप शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक मात्र साधन नहीं माना जा सकता है।


(iii) मुक्तात्मक अनुशासन इसमें दमनात्मक अनुशासन के विपरीत बालक को पूर्ण स्वतंत्रता देकर स्वानुभव के आधार पर अनुशासन सीखने की धारणा विद्यमान है। रूसो इस विचारधारा के प्रवर्तक थे। फ्रोवेल, मॉण्टेसरी, नील, नारमन मेकमन तथा जॉन डिवी शिक्षाशास्त्री भी इस विचारधारा के समर्थक थे। इनका विचार था कि बालक मूलतः स प्रकृति का होता है और स्वतंत्र व स्वभाविक विकास द्वारा उसमें अनुशासन स्वतः ही हो जाता है।

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