UNDERSTANDING DISCIPLINE AND SUBJECT (विषय और अनुशासन की समझ)
अनुशासन को समझना ( Understanding Discipline )
अनुशासन का अर्थ( meaning of discipline )
डिसिप्लिन (Discipline) शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द Disciplina से मानी जाती है जिसका अर्थ है - व्यवस्था, नियम,शिक्षा,अभ्यास, अध्यापन, प्रतीक्षितावस्था।
अंग्रेजी शब्द ' Disciple' शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के 'Discipulum' से मानी जाती है जिसका अर्थ है - शिष्य। शिष्य से आशा की जाती है कि वह अपने गुरुओं के आदेशों का संथा पूर्वक पालन करें और उनके अनुसार सफल जीवन हेतु स्वयं में आवश्यक व वंचित गुणों का विकास करें। इस प्रकार डिसिप्लिन का अर्थ- आचरण में अनियमितता उत्पन्न करना।
डिसिप्लिन शब्द के लिए हिंदी में बहुत से शब्दों का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए- नियंत्रण, नियम,संयम, विनय, अनुशासन आदि। नियंत्रण शब्द का प्रयोग उसी स्थान पर उपयुक्त होगा जहां पर किसी को बलपूर्वक बस में रखा जाता है। जहां कुछ निर्धारित नियमों के अनुसार व्यक्ति को कार्य करने के लिए कहा जाता है वहां पर नियमन शब्द का प्रयोग करना उचित होगा। जहां स्वयं को अपने बस में रखा जाता है वहां संयम शब्द का उपयोग होगा। जहां बालक विनम्रता एवं श्रद्धा के साथ अपने से बड़ों के आदेशों का पालन करता है वहां भी नए शब्द का प्रयोग करना उचित होगा। परंतु डिसिप्लिन के लिए अनुशासन शब्द का प्रयोग अधिक प्रचलित है प्रस्तुत विषय वस्तु में अनुशासन शब्द का प्रयोग किया गया है।
अनुशासन की आधुनिक अवधारणा (modern concept of discipline )-
आधुनिक शैक्षिक विचारधारा के अनुसार अनुशासन का अर्थ व्यापक रूप में लिया जाता है। आज जहां शिक्षा का उद्देश्य - बालक में सफल नागरिकता एवं सामाजिकता के गुणों का विकास करना समझाया गया है,वहां विद्यालय - अनुशासन से तात्पर्य ऐसे आंतरिक तथा बाह्य अनुशासन से लिया गया है जो शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक व नैतिक मूल्यों का विकास करें।
विद्यालय में अनुशासन की आधुनिक धारणा को जिसमें आत्मा अनुशासन व सामाजिक अनुशासन पर विशेष बल दिया गया है, महान शिक्षा शास्त्री जॉन डीवी ने पर्याप्त मात्रा में प्रभावित किया है।
डीवी का विचार है -" विद्यालय में बौद्धिक एवं नैतिक प्रशिक्षण के बीच सूचना ग्रहण करने तथा चरित्र की अभिवृद्धि के बीच सामान्यत: जो मार्मिक पृथकत्व पाया जाता है - वाह विद्यालयों को एक सामाजिक संस्था के रूप में भी चरित्र एवं निर्मित करने में असफलता की अभिव्यक्ति है | यह सामाजिक संस्था अपना सामाजिक जीवन एवं स्वयं में अपना महत्व रखती है |"
जॉन डीवी का कथन है-" जिन कार्यों को करने में परिणाम या निष्कर्ष निकलते हैं उन कार्यों को सामाजिक एवं सहयोगी ढंग से करने पर अपने ही ढंग एवं रूप का अनुशासन उत्पन्न होता है |"
अनुशासन का महत्व( importance of discipline):-
मानव जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है, जो अधोलिखित है -
- अनुशासन के अभाव में मानव प्रकृति दत्त शक्तियों का उचित प्रयोग नहीं कर सकता है |
- अनुशासन द्वारा ही व्यक्ति अच्छी शक्ति प्राप्त करता है और इस शक्ति सेवा अपने नैसर्गिक प्रवृत्तियों का विकास करने में समर्थ होता है |
- व्यक्तिगत दृष्टि से अनुशासन का बहुत महत्व है इसके साथ ही अनुशासन का सामाजिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है |
- महान दार्शनिक अफलातून का कथन है -" एक राष्ट्र निर्माण चट्टानों तथा वृक्षों से नहीं किया जाता है, वरन् उनके नागरिकों के चरित्र से निर्मित किया जाता है |"
- हम सभी के जीवन में अनुशासन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- अनुशासन हमें नियमों का पालन करना सिखाता है।
- हमारे जीवन में अनुशासन से सफलता आती है।
- अनुशासन ही सफलता की पहली सीड़ी होती है।
- बचपन से अनुशासन का पालन करना अच्छा होता है।
- अनुशासन माता-पिता, शिक्षकों और अपने बुजुर्गों की आज्ञा का पालन करना सिखाता है।
- हम प्रकृति से अनुशासन का सही पालन करना सीख सकते हैं।
- महान शिक्षा शास्त्री टी पी नन के अनुसार -, " अनुशासन का अर्थ आप ने आवेगो और शक्तियों को उस व्यवस्था के अधीन करना है जो अराजकता का अंत करती है एवं जो और कुशलता और अपव्यायता के स्थान पर कुशलता और मितव्यायता की स्थापना करती है। "
Epam Siwan By - Rakesh Giri
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