कोर - प्रधान पाठ्यक्रम
Core Curriculum
कोर प्रधान पाठ्यक्रम विषय केंद्रित संगठन एवं बाल केंद्रित विद्यालयों के विरुद्ध प्रक्रिया के रूप में विकसित हुआ है। इसका प्रचलन अमेरिका के विद्यालयों में बहुत ही अधिक हो रहा है। इस के प्रचलन के पीछे जो मुख्य कारण है, वाह या है कि वर्तमान समय में बहुत अधिक सामाजिक व्यवस्था है। या पाठ्यक्रम संगठन इस बात पर बल देता है कि विद्यालयों को अधिक सामाजिक उत्तरदायित्व दिया जाए।
माध्यमिक स्तर पर कोर - प्रोग्राम बहुदा ऐसी इकाइयों और समस्याओं में संगठित होता है जैसे, प्रोपेगेंडा, सैनिक प्रशिक्षण विवाह , नागरिक स्वतंत्रता इत्यादि।
प्राथमिक स्तर पर संगठन इस प्रकार के क्षेत्र में होता है ;जैसे, जीवन तथा स्वास्थ्य की रक्षा, घर का जीवन तथा इसमें सुख शांति, सामाजिक एवं नागरिक कार्यों में सहयोग, धार्मिक आवेगो का स्पष्टीकरण,इत्यादि |
इस प्रकार से पूर्व पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अनुभव को समान रूप से सब विद्यार्थियों को प्रदान करना और सामाजिक मूल्यों एवं सामाजिक समस्याओं को बोल देना है।
कोर पाठ्यक्रम की परिभाषा-
कोन्स एवं बौशिंग के अनुसार, " कोर पाठ्यक्रम उन सीखने के अनुभवों का प्रतिनिधित्व करता है जो शब्द सीखने वाले के लिए मूल है क्योंकि उनका उद्बोधन - 1. हमारी समान व्यक्तिगत आवश्यकताओं कामा प्रणाम एवं 2. हमारी सामाजिक एवं नागरिक आवश्यकता हो से जो जनतंत्र या समाज की सदस्यता के कारण होती है, होता है।"
कोर पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य,
" समस्त युवकों की व्यक्तिगत एवं सामाजिक समस्याओं से संबंधित अनुभव प्रदान करना है। बालकों को वास्तविक समस्याओं को सुलझाने का अनुभव देना है और इस प्रकार उन्हें भावी समस्याओं का सामना करने के योग्य बनाना है। किसके द्वारा बालकों को वह अनुभव प्रदान करना है जो उन्हें समाज का अच्छा नागरिक बनने में सहायता करें। "
कोर पाठ्यक्रम की विशेषताएं-
- कोर पाठ्यक्रम सामान्य शिक्षा पर बल देता है।
- कोर समूह के सीखने के अनुभव बहुत विस्तृत कार्य क्षेत्र की इकाइयों के आधार पर संगठित होते हैं।
- कोर अध्यापक अधिक स्वतंत्रता में शिक्षण विधियों का चुनाव करता है।
- कोर समूह अधिक सहयोग से सीखने की क्रिया में भाग लेता है।
- कोरे पाठ्यक्रम में सीखने के अनेक प्रकार के अनुभवों का प्रयोग होता है, इसमें रिपोर्ट बनाना, अनुसंधान करना समाज की समस्याएं समझना इत्यादि सब आता है।
- कोर अध्यापक द्वारा सबसे अच्छे प्रकार का पथ प्रदर्शन विद्यार्थियों को दिया जा सकता है।
- कोर अध्यापक कक्षा के बाहर योजना बनाने में तथा समस्याओं एवं आवश्यकताएं पूर्ण करने में विद्यार्थियों को सहयोग देता है।
कोर पाठ्यक्रम की गुण -
- कोर पाठ्यक्रम में हूं सीखने का अनुभव पर बल दिया जाता है जो विद्यार्थी के लिए अर्थ पूर्ण एवं प्रयोजन सील है।
- कोर पाठ्यक्रम उन विस्तृत उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक होता है जो शिक्षा द्वारा प्राप्त करने में माननीय समझे जाते हैं।
- कोर पाठ्यक्रम विस्तृत कार्य की इकाइयों के प्रयोग पर बल देता है और इन इकाइयों की योजना बनाने में सहयोग को मुख्य स्थान देता है इसलिए यह मनोवैज्ञानिक रूप से अच्छा समझा जाता है।
- कोर पाठ्यक्रम योजना समस्या हल की विधि को महत्व देती है और आलोचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित करती है।
- कोर पाठ्यक्रम के निर्धारण में सामाजिक आवश्यकताओं को मुख्य स्थान दिया जाता है इसलिए इसमें चुनी हुई पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों के लिए बहुत मूल्य की होती है।
- कोर पाठ्यक्रम द्वारा शिक्षित विद्यार्थी वर्तमान सामाजिक समस्याओं का हल ढूंढ निकालने में सफल होते हैं क्योंकि उन्हें स्वतंत्र जांच में विचार करना सिखाया गया होता है।
- कोर पाठ्यक्रम द्वारा होने की योग्यता एवं कुशलता एवं परिस्थितियों में विकसित होती है।
- कोर पाठ्यक्रम द्वारा राधिका अच्छे ढंग से विद्यार्थियों का पथ प्रदर्शन किया जा सकता है।
कोर पाठ्यक्रम की दोष -
- शिक्षक भी कोर पाठ्यक्रम द्वारा पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं ना उन्हें शीघ्रता से प्रशिक्षित ही किया जा सकता है।
- व्यवहारिक रूप में कोर पाठ्यक्रम में पाठ्य सामग्री बहुत काम होती है।
- सैद्धांतिक रूप में यदि कोई सुधार अच्छा भी माना जाता है तो उसका व्यवहारिक रूप में प्रयोग हम होने में बहुत कम समय लग जाता है।
- हमारे देश में कुल पाठ्यक्रम का प्रचलन हो ना इसलिए बहुत कठिन है और ना उपकरण ही।
- अभिभावक एवं समाज द्वारा कोर पाठ्यक्रम की मान्यता सरलता से प्रदान नहीं होती।
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