रसायन विज्ञान की प्रकृति और समाज में इसकी भूमिका

 रसायन शास्त्र का अध्यापन

 इकाई -1: रसायन विज्ञान की प्रकृति और समाज में इसकी भूमिका



• विज्ञान में एक अनुशासन के रूप में रसायन विज्ञान की प्रकृति, रसायन विज्ञान में ज्ञान के विकास में प्रमुख मील का पत्थर।

रसायनशास्त्र, विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत पदार्थों के संघटन, संरचना, गुणों और रासायनिक प्रतिक्रिया के दौरान इनमें हुए परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। इसका शाब्दिक विन्यास रस + आयन है जिसका शाब्दिक अर्थ रसों (द्रवों) का अध्ययन है। यह एक भौतिक विज्ञान है जिसमें पदार्थों के परमाणुओं, अणुओं, क्रिस्टलों (रवों) और रासायनिक प्रक्रिया के दौरान मुक्त हुए या प्रयुक्त हुए ऊर्जा का अध्ययन किया जाता है।


 रसायन विज्ञान की प्रकृति -


 मनुष्य प्रारम्भ से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति का रहा है जिसके कारण वह प्रकृति के पीछे छिपे गूढ़ रहस्यों को जानने की इच्छा रखता है । वह उसे जानना चाहता है जिसका ज्ञान उसे कठिन परिश्रम द्वारा ही हो पाता है । प्रत्येक विषय की अपनी प्रकृति होती है जिसके द्वारा उसकी एक पहचान होती है । रसायन विज्ञान की प्रकृति निम्नलिखित है- 

  • रसायन विज्ञान सत्य पर आधारित होता है।
  • रसायन विज्ञान  के द्वारा तथ्यों का विश्लेषण किया जाता है।
  • रसायन विज्ञान  में परिकल्पना का प्रमुख स्थान होता है।
  • रसायन विज्ञान  पक्षपात रहित विचारधारा है।
  • रसायन विज्ञान  वस्तुनिष्ठ मापकों पर निर्भर होता है ।
  • रसायन विज्ञान  परिमाणवाची निष्कर्षों की खोज है ।   
  • रसायन विज्ञान  समस्या का स्पष्ट हल है । 
  • रसायन विज्ञान  संज्ञा कम , क्रिया अधिक है । 
  • रसायन विज्ञान वह है जो वैज्ञानिक कहते हैं और वैज्ञानिक क्या कहते हैं यह वैज्ञानिक विधि का अनुसरण है ।
  • रसायन विज्ञान  की अपनी भाषा है । 
  • इसकी भाषा में वैज्ञानिक पद , वैज्ञानिक प्रत्यय सूत्र , सिद्धान्त निदान तथा संकेत आदि सम्मिलित होते हैं जो कि विशेष प्रकार के होते हैं तथा विज्ञान की भाषा को जन्म देते हैं ।
  •  रसायन विज्ञान का ज्ञान सुव्यवस्थित , क्रमबद्ध , तार्किक तथा अधिक स्पष्ट होता है ।
  • इसमें सम्पूर्ण वातावरण में पायी जाने वाली वस्तुओं के परस्पर सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है तथा निष्कर्ष निकाले जाते हैं ।
  • रसायन विज्ञान  के विभिन्न नियमों , सिद्धान्तों , सूत्रों आदि में संदेह की संभावना नहीं रहती है । ये सर्वत्र एक समान ही रहते हैं ।

 हमारे समाज में रसायन विज्ञान की भूमिका -


मानव जीवन को समुन्नत करने में रसायन विज्ञान का अक्षुण्ण योगदान है। मानव जाति के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए रसायन विज्ञान का विकास अनिवार्य है। यह तभी संभव होगा जब आमजन इस विज्ञान के प्रति आकर्षित होगा। इस विज्ञान का विवेकपूर्ण उपयोग करना ही समय की मांग है।

  • सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड रसायनों का विषद् भण्डार है। जिधर भी हमारी दृष्टि जाती है, हमें विविध आकार-प्रकार की वस्तुएं नजर आती हैं। समूचा संसार ही रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला है। यह विज्ञान अनेकों आश्चर्यचकित रसायनों से परिपूर्ण है। ब्रह्माण्ड में रासायनिक अभिक्रियाओं के द्वारा ही तारों की उत्पत्ति, ग्रहों का प्रादुर्भाव तथा ग्रहों पर जीवन सम्भव हुआ हैं।
  • रसायन विज्ञान को जीवनोपयोगी विज्ञान की संज्ञा भी दी गई है, क्योंकि हमारे शरीर की आंतरिक गतिविधियों में इस विज्ञान की महती भूमिका हैं।
  • पृथ्वी पर समस्त ऊर्जा  का एकमेव स्रोत सूर्या  है जो विगत लगभग 5 अरब वर्षो से प्रकाश  तथा ऊष्मा दे रहा है, पेड़-पौधे उग रहे हैं, जीव-जंतु चल फिर रहे हैं, बादल घुमड़ रहे हैं, कहीं आकाषीय विद्युत् की चमक तथा कड़क है, कहीं आँधी तो कहीं तूफान अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, कहीं भूकंप तो कहीं सुनामी की घटनाएं घटित हो रही हैं।
  • इन सभी घटनाओं में रसायन ही अपना करतब दिखा रहे हैं।
  • ये सभी किसी न किसी पदार्थ से निर्मित हैं, जो ठोस, द्रव या गैस रूप में होते हैं परन्तु हैं ये भी रसायन।
  • हमारे जीवन का कोई भी पक्ष रसायनों से अछूता नहीं है।
  • वैज्ञानिकों ने हमारे जीवन को भी 'रासायनिक क्रिया' की संज्ञा दी है।
  • जीवन के समस्त लक्षण रासायनिक प्रक्रियाओं की अनुगूंज हैं।
  • सजीवों में पोषण, वृद्धि, पाचन, उत्सर्जन, प्रजनन की प्रक्रियाएं रासायनिक अभिक्रियाएं ही है।
  • मानव के संवेदी अनुभवों जैसे, शब्द स्पर्श, रूप, रस तथा गंध, इन सभी के पीछे रासायनिक क्रियाएं उत्तरदायी हैं।
  • वस्तुतः रसायन विज्ञान का संबंध हमारे दैनिक जीवन से है।
  • शुरुआत हम सुबह की चाय से करते हैं जो कि दूध, चीनी, चाय-पत्ती के साथ उबला हुआ जलीय घोल है।
  • रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी आवश्यकताएं पूरी करने में रसायनों की भूमिका है।
  • हम जहाँ कहीं भी देखते हैं, रसायनें के नजारे ही दिखते हैं।
  • दैनंदिन उपयोग की चीजें, जैसे - साबुन, तेल, ब्रश, मंजन, कंघी, शीशा, कागज, कलम, स्याही, दवाइयां, प्लास्टिक आदि रसायन विज्ञान की ही देन हैं।
  • धर्म-कर्म, पूजा-पाठ, स्नान, धूप-दीप, नैवेद्य, अगरबत्ती, रोली, रक्षा तथा कर्पूर इत्यादि सब में रसायन व्याप्त हैं।
  • उत्सवों तथा तीज त्यौहारों में दीये, मोमबत्ती तथा पटाखों के पीछे भी रसायन व्याप्त हैं।
  • यातायात, दूरसंचार, परिवहन तथा ऊर्जा के विविध स्रोत जैसे - कोयला, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, नैप्था एवं भोजन पकाने की गैस भी विविध रासायनिक यौगिकों के उदाहरण हैं।
  • मानव जीवन को आरामदायक बनाने में रसायन विज्ञान ने अप्रतिम भूमिका निभाई है।
  • हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाले औजार, उपकरण तथा युक्तियाँ जैसे - कुर्सी, मेज, टी.वी. फ्रिज, घड़ी, कुकर, इस्तरी, मिक्सर, ए.सी., चूल्हा, बर्तन, रंग-रोगन (पेंट्स), कपड़े, वर्णक (पिगमेंट्स) तथा रंजक (डाइज) अपमार्जक (डिटर्जेंट्स), कीटनाशक, विविध सौन्दर्य प्रसाधन अपमार्जक (डिटर्जेंट्स), कीटनाशक, विविध सौन्दर्य प्रसाधन सामग्रियां आदि सभी में रसायन विज्ञान का ही अवदान हैं।
  • वस्तुतः रसायनों का संबंध प्रत्येक गैस, द्रव या ठोस पदार्थ से है। जिस वातावरण में हम रहते हैं तथा सांस लेते हैं वह विविध रसायनों से ही निर्मित है। वायुमंडल में नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, आर्गन आदि गैसें विद्यमान रहती हैं।







सामाजिक मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में रसायन विज्ञान, जो समाज में रसायन विज्ञान की भूमिका से संबंधित है







• रसायन विज्ञान में समकालीन पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम








 इकाई-2 रसायन विज्ञान में शिक्षण सीखने की प्रक्रिया शिक्षार्थी का सामाजिक-सांस्कृतिक और विकासात्मक संदर्भ): समस्या समाधान, प्रयोग, सहकर्मी शिक्षा, संगोष्ठी प्रस्तुति • रसायन विज्ञान में गतिविधियों का नकली शिक्षण और प्रदर्शन • शिक्षार्थियों के दैनिक जीवन में रसायन विज्ञान और कक्षा सीखने को समृद्ध करने के लिए इसकी उपयोगिता • प्रकृति और संरचना Learing योजना की • रसायन विज्ञान में आकलन। 










 Unit-3 : रसायन विज्ञान में प्रयोगशाला और संबंधित कार्य। रसायन विज्ञान प्रयोगशाला का संगठन: लेआउट और डिजाइन • उपकरण और रसायनों का भंडारण • रसायन विज्ञान प्रयोगशाला में सुरक्षा उपाय • प्रयोगशाला प्रयोगों और परियोजना कार्य का संचालन और मूल्यांकन









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