पाठ्यक्रम , पाठ्यवस्तु एवं पाठ्यपुस्तक में संबंध बिंदु के आधार पर स्पष्ट :
- 1 ) पाठ्यक्रम के माध्यम से शिक्षण के उद्देश्यो को प्राप्त करने के लिए एक शिक्षक योजना तैयार करता है ।
- 2 ) पाठ्यचर्या के आधार पर पाठ्यक्रम का निर्माण किया जाता है तथा पाठ्यक्रम के आधार पर पठायपुस्त का निर्माण किया जाता है ।
- 3 ) पाठ्यचर्या शैक्षिक उद्देशियो के सैध्दान्तिक पक्ष होते है जबकि पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक व्यावहर्रिक पक्ष होता है ।
- 3 ) किसी भी राज्य या देश की पाठ्यचर्या एक ही होती है जब कि हम देख सकते है कि पाठ्यक्रम में राज्य के आधार पर अंतर देखने को मिलता है ।
- 4 ) पाठ्यचर्या में शिक्षा के के सभी विषयों, सभी अंगों पर चर्चा की जाती है तथा साथ ही लक्ष्य भी निर्धारित किया जाता है ।
- 5 ) पठायपुस्त का उद्देश्य पाठ्यचर्या के उद्देश्यो को प्राप्त करने में सहायक होता है ।
- 6 ) छात्रों को प्रत्यक्ष रूप से पाठ्यचर्या की जानकारी नही होती है परन्तु छात्र पठायपुस्त और पाठ्यचर्या से जुड़े हुए होते है ।
- उदहारण : पाठ्यक्रम को अंग्रेजी में सिलेबस कहते है । पाठ्यचर्या और पाठ्यक्रम में अंतर इतना है कि पाठ्यचर्या शिक्षा में उद्देश्यो को किस प्रकार से पढ़ाया जाए साथ ही किस प्रकार के सिद्धान्त और सामग्री काम मे लिया जाए इन सभी पर दिशा निर्देश दिया होता है साथ ही उदहारण दिया गया होता है जिसे शिक्षक व छात्र पाठ को समाज सके मानलीजिए अपने एक विषय लिया गणित अब आप यह तय करेंगे कि बालक को पहले क्या पडायजाये जैसे पहली कक्षा में गिनती कहांतक लिखाई जाए व पांच साल के बालक के लिए कहा से शुरू किया जाए इन्ही सभी का विस्तार क्रम ही पाठ्यक्रम कहलाता है।
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