अध्याय- 1
संस्कृत भाषा शिक्षण
भावाभिव्यक्ति का मुख्य साधन भाषा ही है।
मानव सभ्यता और संस्कृति के विकास में भाषा का विशिष्ट स्थान है।
'भाषा' शब्द भाष् व्यक्तायां वाचि' भाष् से 'भाष् (धातु) + अच् (प्रत्यय) + टाप् (प्रत्यय)' के योग से निष्पन्न हुआ है।
स्वीट् महोदय के अनुसार "ध्वन्यात्मकशब्दैः विचाराणां प्रकटीकरणमेव भाषा" अर्थात् ध्वन्यात्मक शब्दों के द्वारा विचारों का प्रकट करना ही भाषा है।
भाषा के दो स्वरूप होते हैं:-
1. मौखिक
2. लिखित
1. मौखिकः- विचारों की मौखिकी अभिव्यक्ति, भाषा का मौखिक स्वरूप होता है।
2. लिखितः- ध्वनिसङ्केत के प्रतीक रूप द्वारा लिखकर अभिव्यक्त करना, भाषा का लिखित स्वरूप होता है।
व्यावहारिक दृष्टि से भाषा के विविध रूप होते हैं। अतः भाषा को व्यवहार में लाने के लिए, उस भाषा के प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष प्रकार के ज्ञान को जान लेना चाहिए।
जैसे:-
1. मूल भाषाः- यह सम्पूर्ण जगत् एक ही परिवार है अर्थात् एक ही भाषा का विस्तारक है। सर्वप्रथम संसार रूपी परिवार की एक ही भाषा थी, भौगोलिक परिस्थितिवश यह परिवार अनेक शाखाओं में संवर्धित हो गया है तथा वर्तमान समय में स्थान और कालानुसार बहुत ज्यादा परिवर्तित हो गया है।
2. मातृ भाषाः- जिस भाषा को बालक अपनी माता की गोद में सीखता है, वह भाषा "मातृभाषा" होती है अर्थात् बालंक जन्म से ही जिस भाषा को माता-पिता तथा पारिवारिक सदस्यों से सुनकर जानता है, व्यावहारिक स्वरूप में सुनता है और स्वयं भी शुद्ध रूप में जानता है, उसकी 'मातृभाषा' होती है।
3. प्रादेशिक भाषाः- जो भाषा प्रादेशिक लोगों द्वारा बोली जाती है, वह "प्रादेशिकभाषा" कहलाती है। जैसे:- राजस्थान प्रान्त के निवासी राजस्थानी बोलते हैं, अतः वह राजस्थान के निवासियों की प्रादेशिक भाषा होती है।
4. राजभाषाः- इस सम्पूर्ण भू-भाग पर भारत में बहुत सारी भाषाएँ है। स्वतन्त्रता संग्राम में जैसे ही यह प्रश्न हुआ कि सभी लोगों के सम्प्रेषण तथा विचारों के आदान-प्रदान की भाषा कैसी होनी चाहिए? तब यह विचार प्रकट हुआ कि राष्ट्रभाषा या राजभाषा एक ऐसी भाषा होनी चहिए जो अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हो। इस विचार से एक तथ्य सामने आया जिसमें अधिक मत राजभाषा के रूप में हिन्दी भाषा को ही स्वीकृति देते हैं। इस पर विचार करके भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में उल्लिखित है कि भारत संघ की राजभाषा हिन्दी तथा लिपि देवनागरी होगी।
5. राष्ट्रभाषाः- भारत देश बहुभाषा-भाषी राष्ट्र है। विभिन्न प्रान्तों में लोगों के द्वारा अपनी प्रान्तीया भाषा बोली जाती है, किन्तु प्रत्येक बालक के लिए यह आवश्यक है कि "स्वप्रादेशिक भाषा या मातृभाषा को जानकर भी वह राष्ट्रभाषा को जान सकता है।"
जिस भाषा में व्यक्ति प्रान्त के लोगों के साथ वार्ता करने में सक्षम होने के साथ-साथ अन्य प्रान्तीय लोगों के साथ भी वार्ता करने में सक्षम होता, वह भाषा राष्ट्रीय भाषा कहलाती है।
6. अन्तर्राष्ट्रीय भाषाः- जिस भाषा का प्रयोग कर हम विश्व के राष्ट्रों भाषा का दर्जा 'आङ्ग्लभाषा' (English) को दिया जाता है। देश में राष्ट्रभाषा हिन्दीभाषा है। से विचार-विनिमय तथा पत्राचार व्यवहार के लिए करते है, वह भाषा अन्तर्राष्ट्रीय भाषा कही जाती है। वर्तमान समय में अंतर्राष्ट्रीय 'आङ्ग्लभाषा' (English) को दिया जाता है।
7. सांस्कृतिकी भाषाः- प्रत्येक देश की अपनी संस्कृति होती है और उस संस्कृति में उस देश का व्यवहार या लोकाचार भी देखने को मिलता है। उस संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करने के लिए किसी भाषा की नितान्त आवश्यकता होती है। यह भाषा सामान्यतः जनसाधारण की भाषा से भिन्न होती है और जनसमुदाय में इस भाषा के प्रति श्रद्धा देखी जाती है। समाज में उस भाषा की प्रतिष्ठा रहती है और वह सांस्कृतिक भाषा 'संस्कृतम्' है।
संस्कृत भाषा और अन्य भारतीय भाषा:-
मानव परिवार की तरह भाषा परिवार के अन्तर्गत भाषाओं की शब्दावली तथा पदरचना सम्बन्धि समानता देखी जाती है। यह भाषा परिवार चार भागों में विभक्त है।
भाषापरिवार:-
भारोपीय परिवार
द्राविड परिवार
आस्ट्रोएशियाई परिवार
तिब्बतवर्मी परिवार
भारतीय संविधान में वर्णित 8वीं अनुसूचि में 22 भाषाओं में से असमिया, बंगला, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मणिपुरी, मराठी नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिन्धी तथा उर्दू ये अष्टादश (18) भाषाएँ भारोपीय भाषा परिवार के अन्तर्गत मानी जाती है तथा तमिल, तेलगु, मलयालम् और कन्नड़ चार (4) मान्यता प्राप्त भाषाएँ द्रविड़ भाषा परिवार के अन्तर्गत समाहित है।
संस्कृतशिक्षणस्य उद्देश्यानि :-
'शिक्षण' एक सामाविक प्रक्रिया है, जो प्रत्येक देश की शासन प्रणाली, सानाविक मूल्यों, दार्शनिक मूल्यों तथा संस्कृति से प्रभावित होती है।
जिस देश में वैसी शासन प्रणाली और दार्शनिक विचारधारा होती है. वहाँ शिक्षण प्रक्रिया पर वैसा ही प्रभाव होता है और उसके अनुसार ही शिक्षण उद्देश्यों का निर्धारण होता है।
'उद्देश्य' शब्द 'उत्' उपसर्गपूर्वक 'दिश्' धातु तथा कर्म अर्थ में 'ण्यत्' प्रत्यय के योग से सिद्ध होता है। जिसका अर्थ होता है:- किसी भी कार्य को दिशा प्रदान करना या निर्देश प्रदान करना। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षणकार्य के समय हमारी जो मूलधारणा, इच्छा, प्रवृत्ति तथा प्रेरक तत्त्व होते हैं, उसी प्रकार के शैक्षिक उद्देश्य होते हैं। जिनके माध्यम से ही शैक्षिक कार्यों की प्रगति होती है। संस्कृत विषय को पढ़ाने से पूर्व निर्धारित उद्देश्य ही संस्कृत शिक्षण उद्देश्य कहे जाते हैं, जिनके माध्यम से ही शैक्षिक कार्यक्रमों का अयोजन होता है तथा उन्हें दिशा प्राप्त होती है।
संस्कृतशिक्षणस्योद्देश्यानां निर्धारणसमये ध्येयाः बिन्दवः
1. विद्यालय की प्रकृतिः- संस्कृत शिक्षण के उद्देश्यों के निर्धारण करते समय यह चिन्तन करना आवश्यक है कि हम किस वातवरण के विद्यालय में अध्यापन कार्य के लिए प्रवृत्त हैं?
2. कक्षा का स्तरः- विद्यालय की प्रकृति के अनुसार कक्षा स्तर का निर्धारण भी आवश्यक है।
3. विधानुसारी स्तरः- विद्यालय तथा कक्षा के स्तर के साथ-साथ यह बात ध्यान रखने योग्य है कि हम किस विधा से संस्कृत शिक्षण पढ़ाना चाहते हैं। यह तथ्य भी उद्देश्य निर्धारण के समय अवश्य ध्यान में रखना चाहिए कि प्रत्येक विधा की अपनी एक भिन्न विशिष्टता और प्रकृति होती है। उसके अनुसार ही उसका शिक्षण किया जाता है। अतः गद्य-पद्य-कथा-व्याकरण-नाटक-रचना आदि के लिए शिक्षण उद्देश्यों का निर्धारण भिन्न-भिन्न होता है।
संस्कृतशिक्षणस्य उद्देश्यानि :-
प्रारम्भिक स्तर
संस्कृत पाठशालाओं में प्राज्ञ/प्रथमा/पूर्वप्रवेशिका आदि कक्षा प्रारम्भिक स्तर में गिनी जाती है तथा आधुनिक विद्यालयों में षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी कक्षा संस्कृत शिक्षण की दृष्टि से प्रारम्भिकस्तर में आती है। इस स्तर के लिए संस्कृत शिक्षण उद्देश्य अधोलिखित हैं:-
(i) संस्कृत के सरल गद्यांश-पद्यांश को शुद्ध स्पष्ट रूप से पढ़ने की क्षमता विकसित करना।
(ii) पाठ्यसामग्री के भावानुसार शुद्धोच्चारण का अभ्यास करना।
(iii) सरल संस्कृत श्लोकों का सुंदर आकर्षक शैली में लयपूर्वक वाचन का अभ्यास। कतिपय महत्त्वपूर्ण श्लोकों के कण्ठस्थीकरण की प्रेरणा देना।
(iv) उच्चारित लिखित सरल वाक्यों के अर्थग्रहण की क्षमता विकसित करना।
(v) संस्कृत से मातृभाषा में तथा मातृभाषा से संस्कृत में अनुवाद करने की क्षमता विकसित करना।
(vi) सन्धि-कारक-शब्दरूप-धातुरूपों का ज्ञान प्रदान करना।
(vii) छात्रों को अनुलेख और श्रुतलेख का लेखनाभ्यास करना।
(viii) संस्कृत के गद्यखण्डों तथा श्लोकों का अर्थ जानने की योग्यता विकसित करना।
(ix) नवीन संस्कृत शब्दों का संचयन करना।
(x) संग्रन्थनोपागम के द्वारा समान वाक्यों के उच्चारण तथा उनके प्रयोग की क्षमता विकसित करना।
(xi) संस्कृत के प्रति छात्र में रुचि विकसित करना। (xii) छोटे-छोटे वाक्यों में वार्तालाप की योग्यता विकसित करना।
माध्यमिक स्तर
आधुनिकै विद्यालयों में माध्यमिक स्तर के दो भागों में विभाजित किया जा सकता है:-
1. माध्यमिक स्तरः- (कक्षा नवमी एवं दशमी) जिनमें संस्कृत अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाई जाती है।
2. उच्चमाध्यमिक स्तरः (कक्षा एकादशमी, द्वादशमी) जिनमें संस्कृत वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है।
संस्कृत पाठशालाओं में विशारद/मध्यमा/उत्तरमध्यमा कक्षा माध्यमिक स्तर में सम्मिलित हैं। माध्यमिक स्तर पर छात्र संस्कृत से सुपरिचित होते हैं। इस स्तर पर संस्कृत शिक्षण के उद्देश्य अधोलिखित हैं:-
1. संस्कृत अनुच्छेदों का सम्यक् रूप से पठन की तथा उनका अर्थावबोधन की योग्यता विकसित करना।
2. संस्कृत श्लोकों को उचित लय मात्रा-यति-गति द्वारा पठन की योग्यता विकसित करना, जिसके द्वारा छात्र विभिन्न छन्दों में भेद करने में समर्थ हो जाए तथा मात्रानुसार छन्दों को जानने में सफल होंवे।
3. संस्कृत में लघुनिबन्ध लेख, पत्रादि लेखन की क्षमता का विकास, संस्कृत श्लोकों के आधार पर भावाभिव्यक्ति की शैली को सशक्तिकृत करना।
4. संस्कृत से मातृभाषा में मातृभाषा से संस्कृत में अनुवाद करने की योग्यता विकसित करना।
5. छात्रों की संस्कृत में स्वस्तरानुकूल शुद्ध-प्रभावशाली- मधुर-रमणोयशैली में विचार अभिव्यक्ति की पोग्यता विकसित करना।
6. वैकल्पिक विषय के रूप में पठनशील संस्कृत छात्रों में काव्यसौन्दर्य की अनुभूति और श्लोकों के अर्थ जानने की योग्यता विकसित करना।
7. छात्रों में श्लोकों के ससन्दर्भ व्याख्या करते समय श्लोक में निहित रस, अलङ्कार, छन्द, अन्वंःकथा तथा सुक्तियों के विश्लेषण की योग्यता विकसित करना।
उच्च स्तर
आधुनिक महाविद्यालयों की स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाएँ, शास्त्रीय महाविद्यालयों की शास्त्री तथा आचार्य कक्षाएँ उच्बस्तर में सम्मिलित की जाती है। शिक्षक उच्च स्तर पर छात्र में संस्कृत ज्ञान परिपोषण करने के लिए निम्नलिखित उद्देश्यों को निर्धारित करते हैं:-
1. संस्कृत साहित्य पढ़ने की क्षमता विकसित करना।
2. संस्कृत भाषा साहित्य के प्रति छात्रों में अनुसन्धानात्मक अभिवृत्ति विकसित करना।
3. छात्रों में मौलिक रचना करने की क्षमता विकसित करना।
4. समस्यापूर्ति की योग्यता विकसित करना।
5. छात्र के लिए संस्कृत संबद्ध विविध प्रतियोगिताओं में सहभागिता के लिए अवसर प्रदान करना।
6. संस्कृत रचनाओं के समालोचनात्मक विवेचन करने की क्षमता विकसित करना।
7. संस्कृत ध्वनि विज्ञान का पूर्ण ज्ञान प्रदान करना।
8. व्याकरण संबद्ध संस्कृत ज्ञान का परिपोषण करना। 9. संस्कृत की दुर्लभ पाण्डुलिपियों का अध्ययन कर उनके सम्पादन की योग्यता का विकास करना, जिससे उनके द्वारा समाज के लिए एक अमूल्योपहार प्रदान कर सकें।
10. संस्कृत में धारा प्रवाहिता के साथ अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने की क्षमता विकसित करना।
11. छात्रों में शास्त्रार्थ की योग्यता विकसित करना। 12. अपठित अंशों का ज्ञान करना तथा उनका संस्कृत में सारलेखन की योग्यता विकसित करना।
13. संस्कृत भाषा में सङ्गणक (Computer) के लिए कार्यक्रम (Program) निर्माण क्षमता विकसित करना। 14. दूरदर्शन के लिए संस्कृत भाषा में धारावाहिक निर्माण करने के लिए सहयोग प्रदान करना, जिससे समाज में संस्कृत के प्रति रुचि का विकास हो।
अभ्यास प्रश्न
1. 'छात्राः शान्तिपूर्णजीवनाय अभिप्रेरिता भवेयुः, परस्परं मिलित्वा वसेयुः अन्येषां कृते च कार्य कर्तु सज्जिताः भवेयुः इति।' एतैः भावैः सम्बद्धा शिक्षा कथ्यते-
(a) दूरस्थ शिक्षा
(b) शैक्षणिकता
(c) व्यावसायिक शिक्षा
(d) मूल्य शिक्षा
2. विषय-केंद्रित-उपागमे अधिगमानुभवाः (Learning Experiences) सम्बद्धा भवन्ति-
(a) छात्ररुचिभिः
(b) पाठ्यक्रमेण
(c) अध्यापक विषय-दक्षतया
(d) शैक्षिक-प्रविधिना
3. सम्मिश्रित-क्षमता-युक्त-भाषा-कक्षार्थ किं सर्वाधिकम् आवश्यकम् ?
(a) छात्राणां कालांशानुसारं समूहीकरणम्
(b) छात्राणां मध्ये परस्परम् अन्तः क्रियार्थम् अवसराः
(c) सुगठिता गणित-भाषा-केन्द्रिता पाठ्यचर्या
(d) क्रीड़ा-भाषा-केन्द्रित पाठ्यचर्या
4. भाषाधिग्रहणसमये धाराप्रवाहिता नाम-
(a) सहजतया सम्भाषणं पठनं लेखनं च
(b) शुद्धतया लेखनम्
(c) व्याकरणे दक्षता
(d) सम्यक् उच्चारणक्षमता
5. शिक्षिका केनापि शब्देन विना छात्रैः सह सम्प्रेषणं करोति। एवं सा उपयोगं करोति
(a) शाब्दिक सम्प्रेषणस्य
(b) शब्देतर सम्प्रेपणस्य
(c) मौखिक सम्प्रेषणस्य
(d) लिखित सम्प्रेषणस्य
6. विद्यालयशिक्षणे प्रथमभाषाध्ययनं स्यात्-
(a) मातृभाषायाः अथवा प्रान्तीयभाषायाः
(b) हिन्दीभाषायाः
(c) राजकीयभाषायाः
(d) सहराजकीयभाषायाः
7. 'भाषा' शब्दस्य "ध्वन्यात्मकशब्दैः विचाराणां प्रकटीकरणमेর भाषा" इति परिभाषा केन प्रदीयते?
(a) स्वीट् महोदयेन
(c) वुडवर्थ महोदयेन
(b) चापस्की महोदयेन
(d) वाईगोत्मकी महोदयेन
8. तमिल-तेलगु-मलयालम कन्नड़ चतस्त्रः भाषाः कस्य भाषापरिवारय अन्तर्गतो समाहितोऽस्ति ?
(a) भारोपीय परिवार
(b) द्राविड परिवार
(c) आस्ट्रोएशियाई परिवार
(d) तिव्वतवर्मी परिवार
9. "उद्देश्यं सः बिन्दुरस्ति अभीष्टं वा अस्ति, यस्य दिशायां कार्य क्रियते अथवा उद्देश्यं तद् व्यवस्थितं परिवर्तनमस्ति यत् क्रियया प्राप्यते। अथवा यदर्थं वयं क्रियां कुर्मः।" उद्देश्यस्य विषये इति परिभाषा प्रदीयते?
(a) राष्ट्रिय शैक्षिक अनुसन्धान प्रशिक्षण परिषदेन
(b) राष्ट्रीय शिक्षा नीत्या
(c) माध्यमिक शिक्षा आयोगेन
(d) विश्वविद्यालय-अनुदान-आयोगेन
10. यस्यां भाषां तस्य देशस्य व्यवहार लोकाचार वा अपि अभिदृश्यते......
(a) मातृभाषा
(b) सांस्कृतिकी भाषा
(c) प्रादेशिक भाषा
(d) राजभाषा
1. (d) 2. (b) 8. (b) 9. (a) 3. (b) 10. (b) 4. (d) 5. (b) 6. (a) 7. (a)
विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
1. अधस्तनेषु कतमः भाषापरिवारः भारते न विराजते?
(2019 तक के
(CTET, Sep. 2016)
(a) द्रविडः
(b) तिव्बत-वर्मन
(c) अल्ताईक
(d) इंडो-आर्यन्
2. भाषाधिगमार्थं निवेशितपाठस्य कृते प्रामाणिकग्रन्थस्य आवश्यकता किमर्थ भवति ? (CTET, Sep. 2016)
(a) एतेन अभिव्यक्तेः प्रामाणिकता प्रदर्शयेत्
(b) एतेन लेखकस्य परिचयः भवति
(c) एतेन नवीनकार्यस्य सर्जनं भवत्ति
(d) एतेन स्वाभाविकभाषायाः प्रदर्शनं भवति
3. अध्ययनाध्यापने सर्वविषयव्यापीभाषापरिपेक्ष्ये अधस्तनेषु कतम कथनं न समीचीनम्?
(CTET, Sep. 2019)
(a) आङ्ङ्गलभाषायाः हिन्दीभाषायाः वा शिक्षिका छात्रान् समूहेषु विभज्य एकस्य ग्रामस्य / नगरस्य स्मारकोपरि प्रकल्पं कारयति
(b) जङ्गमदूरवाण्याः चतुर्णां प्रकाराणां तुलनां कृत्वा प्रौद्योगिक्याः उपयोगम् आधारीकृत्य निबन्धं लेखितुं छात्राः निर्दिश्यन्ते
(c) भाषाशिक्षकः वाच्यानां लकाराणां च सन्दर्भानुसारं पाठनं करोति
(d) विज्ञानविषयस्य शिक्षकः विज्ञानस्य एकं तत्त्वमधिकृत्य शब्दज्ञानस्य अभ्यासं कारयति
4. अधोलिखितेषु कतमा उक्तिः उचिता - (CTET, Sep. 2016)
(a) कस्याश्चित् भाषायाः ज्ञानं नाम विभिन्नपरिस्थितिषु तस्याः भाषायाः व्यवहारः ।
(b) कस्याश्चित् भाषायाः ज्ञानं नाम तस्याः भाषायाः सर्वेषां शब्दानां ज्ञानम्।
(c) कस्याश्चित् भाषायाः ज्ञानं नाम तस्याः भाषायाः शुद्धव्याकरणस्य ज्ञानम्।
(d) कस्याश्चित् भाषायाः ज्ञानं नाम तस्यां भाषायां लेखनस्य ज्ञानम्।
5. प्रत्येकभाषायाः विशिष्टध्वनयः संरचना शब्दावली च सन्ति। भाषायाः एवं विधं वैशिष्ट्यं सूचयति यत्-
(CTET, Sep. 2016)
(a) भाषा प्रजातिविशिष्टा वर्तते
(b) भाषा यादृच्छिकी वर्तते
(c) भाषा एकः कौशलविषयः वर्तते
(d) भाषा एका व्यवस्था वर्तते
6. भाषा तावत् अभिव्यक्तेः स्वमतव्यक्तीकरणस्य सर्वश्रेष्ठं-माध्यम अस्ति।
(CTET, Dec. 2018)
(a) प्रचार (propagation) (b) संग्रह (collection)
(c) विनिमय (exchang) (d) उपर्युक्तं सर्वमपि
7. निम्नलिखितेषु कतमम् उत्तरं प्रादेशिक भाषाविकासाय समस्या नास्ति इति सूचित ?
(CTET, Dec. 2018)
(a) बोधने अस्पष्टता
(b) अनुवादविषयक समस्याः
(c) अस्मिन् विषये जनानां परिचयाभावः
(d) सुविधानाम् अभावः
8. भाषायाः प्राथमिकरूपम् अस्ति-
(CTET, Dec. 2018)
(a) लिखितभाषा
(b) मौखिकभाषा
(c) सङ्केतभाषा (sign language)
(d) व्याकरणम्
9. निम्नलिखितेषु किं भाषाशिक्षणस्य उद्देश्यं नास्ति ? (CTET, Dec. 2018)
(a) विचाराणाम् अभिव्यक्तिः (Publication of thoughts)
(b) भाषायाः अधिगमः (Understanding language)
(c) लेखनदक्षता (Proficiency in writing)
(d) सृजनात्मकता (Creativity)
10. भाषा तावत् एतस्य अभिव्यक्तेः, स्वाभिप्रायप्रकटनाय उत्तमं माध्यमम् अस्ति -
(CTET, Dec. 2018)
(a) प्रचारस्य (Propagation)
(b) सङ्ग्रहस्य (Collection)
(c) आदान-प्रदान विनिमयस्य (Exchange)
(d) उपर्युक्तं सर्वमपि
11. भारते कति भाषा परिवाराः सन्ति ?
(CTET, July 2019)
(a) अष्टौ
(c) चत्वारः
(b) दश
(d) षड्
12. भारतस्य संविधानस्य अष्टम्यां सूच्यां वर्तमानकाले कति भाषा: विद्यन्ते ?
(CTET, July 2019)
(a) 22
(b) 24
(c) 16
(d) 20
13. संविधानस्य 343(2) अनुच्छेदानुसारम्
..... (CTET, Dec. 2019)
(a) हिन्दी सहायक राजकीय भाषा अस्ति (b) आङ्ग्लभाषा राजकीय भाषा अस्ति
(c) आङ्गलभाषा सहायक राजकीय भाषा अस्ति।
(d) हिन्दी राजकीय भाषा अस्ति
14. अधस्तनेषु किं भाषायाः अध्यापनस्य उद्देश्यं नास्ति ?
(CTET, Jan. 2019)
(a) श्रुतस्य अवबोधने दक्षता
(b) सुसंगतलेखनस्य विकासः
(c) अर्थावबोधसहितं पठने क्षमता
(d) आयासपूर्व विचाराणाम् अभिव्यक्तिः
15. भाषायां दक्षतायाः कृते अधस्तनेषु किं सर्वाधिक महत्त्वपूर्णम् ?
(CTET, Jan. 2019)
(a) शुद्धतायाः धाराप्रवाहस्य च विकासः
(b) स्वल्पमूल्यानां विनामूल्यानां वा शिक्षणसामग्रीणाम् उपयोगः
(c) शुद्धोच्चारणेन सह पठनम्
(d) पाठ्यपुस्तके पाठस्यान्ते स्थितानाम् अभ्यासप्रश्नानां समाधानम्
16. प्रत्येकं भाषायाः एकं स्वकीयं व्याकरणम् अस्ति तथा च प्रत्येकं
(CTET, Jan. 2019)
भाषा अस्ति
(a) केन्द्रेण अनुशासिताः
(b) लिपिवद्धा
(c) नियमबद्धा
(d) राज्येन अनुशासिताः
उत्तर
1. (c)
8. (c)
15. (a)
2. (d)
9. (c)
3. (c)
10. (c)
5. (d)
16. (c)
4. (b)
11. (c)
6. (c)
7. (c)
12. (a)
13. (c)
14. (d)
संस्कृत सिक्षणशास्त्र में भाषायी कौशल का विकास विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भाषा प्राचीन है और इसका प्रयोग आज के समय में व्यावहारिक संवाद के लिए कम होता है। इसलिए, संस्कृत के शिक्षण में चार मुख्य भाषायी कौशलों - सुनना, बोलना, पढ़ना, और लिखना - का विकास विशेष ढंग से किया जाता है।
1. सुनना (श्रवण):
संस्कृत उच्चारण और स्वर: संस्कृत में उच्चारण का महत्व है। शिक्षक उचित उच्चारण की शिक्षा देते हैं, जिसमें विद्यार्थियों को स्वर और व्यंजन के सही उच्चारण के साथ-साथ शब्दों के उचित बल और स्वर की उच्चाई को समझाया जाता है।
श्लोक और मंत्रोच्चारण: सुनने की क्षमता को विकसित करने के लिए श्लोकों और मंत्रों का जाप और उनकी ध्वनि का अनुकरण किया जाता है।
2. बोलना (वाचन):
संवाद और संस्कृत वार्तालाप: संस्कृत में वार्तालाप की क्षमता का विकास करने के लिए साधारण संवाद और दैनिक जीवन से संबंधित वाक्यों का अभ्यास कराया जाता है।
धाराप्रवाह वाचन: श्लोक, स्तोत्र, और कथाओं का पाठ धाराप्रवाह हो, इसके लिए अभ्यास किया जाता है।
3. पढ़ना (पठन):
साहित्यिक ग्रंथों का अध्ययन: संस्कृत साहित्य के प्रमुख ग्रंथों और लेखकों का परिचय, जैसे कि वेद, उपनिषद्, महाभारत, रामायण आदि।
व्याकरण और शब्दावली: संस्कृत व्याकरण की मूलभूत अवधारणाओं और शब्दावली का गहन अध्ययन।
4. लिखना (लेखन):
संस्कृत व्याकरण: व्याकरणिक नियमों का पालन करते हुए संस्कृत में वाक्यों और अनुच्छेदों का निर्माण।
रचनात्मक लेखन: कहानियाँ, निबंध, और कविताएँ लिखने का अभ्यास, जिससे विद्यार्थियों की रचनात्मकता को बढ़ावा मिले।
अभ्यास प्रश्न
1. कोऽपि छात्रः अनुकरणापेक्षया मूलरूपेण रचनात्मकं लेखनं लिखति । इदं किं कथ्यते ?
(a) कथालेखनम्
(b) संवादलेखनम्
(c) सृजनात्मकलेखनम्
(d) पत्रलेखनम्
2. शब्दार्थज्ञानार्थं किं समुपयुक्तम् ?
(a) अलङ्काराणां परिचयः
(b) वर्ण-विन्यासः
(c) कविपरिचयः
(d) विविधसन्दर्भेषु शब्दप्रयोगः
3. अभिप्रेरक-लेखनं' (Persuasive Writing) निम्नलिखितेषु कुत्र अन्तर्निहितम् अस्ति ?
(a) कार्य-मूल्याङ्कनम् सम्पादकं प्रति पत्राणि
(b) चरितम्, आत्मचरितम्
(c) विश्वकोषः लेखाः/ रेखाचित्राणि
(d) समाचाराः, प्रतिवेदनानि, पाठ्यपुस्तकानि
4. पाठ्यवस्तु-निहित विभिन्नशब्दानाम् सहाय्येन नूतनानाम् अपरिचितानां शब्दानाम् अर्थज्ञानप्रक्रिया केन कौशलेन सम्बद्धा ?
(a) श्रवणेन
(c) पठनेन
(b) भाषणेन
(d) लेखनेन
5. वाचन-सन्दर्भ 'सञ्चय-कौशलेन' (Gathering Skill) अभिप्रायः अस्ति-
(a) टिप्पणी-स्वीकरणम् (note taking)
(b) विश्लेषणम्
(c) व्याख्यानम्
(d) टिप्पणी- निर्माणम् (note making)
6. भाषण- कौशल- मूल्याङ्कनार्थम् अनिवार्यम्
(a) सम्भाषणम्
(b) निरन्तरं श्रवणम् .
(c) संवाद-लेखनम्
(d) भावानुगुणं पाठ्यवस्तुनः विश्लेषणम्
7. सूचना-सम्बद्ध-विभिन्न पक्षेषु श्रुत-ध्वनि-शब्द-पद दृष्ट्या परस्परं विभेदीकरणस्य गतिविधिः केन कौशलेन सम्बद्ध ?
(a) पठनेन
(c) श्रवणेन
(b) लेखनेन
(d) भाषणेन
8. "श्रवण-कौशल-सम्बद्ध-गतिविधि-मूल्याङ्कनाथ" किम् आवश्यकम् ?
(a) लिखितकार्यस्य अधिकाधिकः अभ्यास
(b) श्रुतसामग्रीम् अधिकृत्य विविधप्रकाराः प्रश्नाः
(c) वर्णविन्यासस्य अभ्यासः
(d) स्तरीया वाचनसामग्री
9. श्रवणकौशलविकासार्थं कः उत्तमः मार्गः ?
(a) विद्यालयस्य विभिन्नकार्यक्रमेषु भाषाश्रवणस्य अवसराः
(b) कथितवाक्यनां पुनरावृत्तिः
(c) छात्रकथानानां सावधानं श्रवणम्
(d) 'ध्यानेन श्रृण्वन्तु' इति छात्रेभ्य पुनः पुनः निर्देशदानम्
10. "बालाः सार्थक लेखने निपुणाः भवेयुः" इति अस्मात् पूर्वम् आवश्यकम् अस्ति चित्रकला-आकृतिनिर्माण-आदिभिः गतिविधिभिः तेषां
(a) भाषात्मकः
(b) सुरक्षात्मकः
(c) संज्ञानात्मकः
(d) गत्यात्मकः
उत्तरमाला
1. (c)
2. (d)
3. (a)
4. (c)
5. (d)
6. (a)
7. (c)
8. (b)
9. (a)
10. (d)
विगत वर्षों में पूछे गए प्रश्न
(2021 तक के प्रश्नों सहित)
1. "छात्राः पाठ्य-वस्तु सार्थक्यं ज्ञातुं समर्थाः भवेयुः" इत्यर्थ समीचीन-वाचन युक्तिः भविष्यत्ति ? Feb.2014
(a) अनुमानम्
(b) सारकथनम्
(c) शब्दशः व्याख्यानम्
(d) विहगावलोकनम्
2. श्रवणकौशलस्य अभ्यासार्थ छात्राः रेलयानस्य समय-सम्बद्ध-उद्द्घोषणां श्रुत्वा समयसारिणीं लिखन्ति। अत्र छात्राः किं कुर्वन्ति ?Feb.2014
(a) श्रुतलेखनद्वारा समयसारिणीं पूरयन्ति
(b) उच्चैः उद्घोषणां पठन्ति
(c) समयसारिण्यां लिखित तथ्याना
(d) रेलयानसमय-सम्बद्ध चित्रं पश्यन्ति
(Feb. 2014)
3. 'द्वि-भाषाकक्षायां शैक्षणिक सम्भाषणात्मक भाषा-रूपप्रयोगार्थं छात्राः निपुणाः भवेयुः' इत्यर्थ किम् आवश्यकम् ? (Feb. 2014)
(a) लक्ष्यभाषयां लिखितपुस्तकानाम् अधिकाधिकं पठनम्
(b) लक्ष्यभाषया अधिकाधिकं लेखनम्
(c) द्वि-भाषि-चलचित्रदर्शनम्
(d) लक्ष्यभाषया भाषणम्
4. अधिगम-भाषायाः अनुप्रयोगार्थ किं समुचितम् ? (Feb. 2014)
(a) पाठ्यवस्तु सम्यक् रूपेण अधिगन्तुं मातृभाषाप्रयोगार्थम् अभिप्रेरणम्।
(b) स्थूलरूपात् सूक्ष्मं प्रति गमनम्
(c) अध्यापकस्य अध्यापिकायाः वा पठन भापण-लेखन-शैल्याः अनुसरणम्
(d) भाषा-अभ्यासार्थ विभिन्न गतिविधिनांं समुपयोगार्थम् अभिप्रेरणम्
5. यः शिक्षकः छात्रान् अधिकं बालसाहित्यं पठितुं प्रेरयत्ति सः छात्राणाम्- (CTET, July 2016)
(a) सम्भाषणकौशलं वर्धयितुम् इच्छति
(b) श्रवणकौशलं वर्धयितुम् इच्छति
(c) पठनकौशलं वर्धयितुम् इच्छति
(d) लेखनकौशलं वर्धयितुम् इच्छति
6. वर्णमालायाः अक्षराणां लेखनार्थं विद्यार्थिनः समर्थान् कर्तुं शिक्षकः तान् कथयति कथम् अक्षनिर्माणार्थ रेखाङ्कनं करणीयं, वक्र करणीयं, पाशं करणीयम् इति। एतद् अस्ति (CTET, July 2016)
(a) लेखनयन्त्रम्
(b) लेखनप्रक्रिया
(c) प्रवाहीलेखनम्
(d) रेखालेखनम
7. सम्भाषणकौशलस्य विकासाथै योग्यतमः मार्गः अस्ति छात्रेभ्यः
(CTET, July 2016)
( a) प्रकृतजीयनरिस्थितिम् अधिकृत्य कथयितुम् अवसरप्रदानम्
(11) भाषायाः संरचनायाः अनुशीलनं कर्तुम् अवसरप्रदानम्
(c) आदर्शश्रव्यसामग्रयाः श्रवणार्थम् अवसरप्रदानम्
(d) जटिलग्रन्थानां पठनार्थम् अवसरप्रदानम्
8. प्रथमकक्षायाः छात्राणां कृते भाषायाः पठनार्थम् अधोलिखितेषु कतमः विषयः योग्यतमः भवेत् ? (CTET, July 2016)
(a) गम विश्वः
(b) परिवहनम्
(c) मम देशः
(d) मम परिवारः
(CTET, July 2016)
9. लेखनस्य प्रथमसोपानम् अस्ति-
(a) मार्गदर्शितलेखनम्
(b) प्रगतलेखनम्
(c) मुक्तलेखनम्
(d) संयतलेखनम्
10. चतुर्थकक्षायाः सोमया नाम बाला पठनसमये एकम् अपरिचितं शब्दं पश्यति। सा- (CTET, July 2016)
(a) सन्दर्भानुसारम् अर्थस्य अनुमानं कुर्यात्
(b) शब्दस्यार्थ कञ्चित् पृच्छेत्
(c) शब्दं दुर्लक्षितं कुर्यात्
(d) शब्दकोपे शब्दस्यार्थं पश्येत्
11. उद्द्यामीसाक्षरतायां अधस्तनेषु कस्य क्रियाकलापस्य सन्निवेशः भयति? (CTET, July 2016)
(n) वर्णमालायाः अक्षरलेखनम्
(b) पठनं कूटानुवादः च
(c) लेखनीघर्षणम् अस्पष्टशब्दोच्चारणम्
(d) गायनं नृत्यञ्च
12. अधोलिखितेषु कस्मिन् कायें सूक्ष्मपेशीयकौशलस्य आवश्यकता अस्ति?
(CTET, July 2016)
(a) आरोहणे
(b) लेखने
(c) कूर्दने
(d) पठने
13. बालानां पठनस्य लेखनस्य च विकासाय आद्यं चरणं किम् अस्ति ?
(CTET, July 2016)
(a) नवसाक्षरता
(b) प्राकसाक्षरता
(c) साक्षरता
(d) उद्गामी साक्षरता
14. पठनसमये अधस्तनेषु कस्य महत्वं सर्वाधिकम् ? (CTET, July 2016)
(a) उच्चस्वरेण पठनम्
(b) पाठस्य अर्थस्य अवगमनम्
(c) पाठस्य प्रत्येके शब्दस्य पठनम्
(d) धाराप्रवाहेण पठनम्
15. उत्पापादनकौशलम् अस्ति-
(CTET, July 2016)
(a) सम्भाषणं लेखनं च
(b) श्रवणं पठनं च
(c) पठनं लेखनं च
(d) श्रवणं सम्भाषणं च
16. श्यामः कक्षायाः छात्रान् युगलेषु विभजति । प्रत्येकं युगलाय बोधपट्टद्वयं वितरति। अनन्तरं सः तान् ध्यानपूर्वकं पठित्वा तत् लेखितुं निर्दिशति। एवं सः किं कर्तुं प्रयतते ?
(CTET, July 2016)
(a) पारस्परिकसम्भाषणम्
(b) पारस्परिक श्रुतलेखनम्
(c) सामूहिक श्रुतलेखनम्
(d) पारस्परिकपठनम्
17. पठनं नाम-
(CTET, July 2016)
(a) अक्षराणां शब्दानां च कूटज्ञानम्
(b) सम्पूर्णशब्दावल्याः अधिगमः
(c) भाषाधिगमः
(d) अर्थकरणम्
18. अनुमानम् एकम् उपकौशलम् अस्ति- (CTET, July 2016)
(a) टिप्पणीकरणस्य
(c) समूहकरणस्य
(b) पठनस्य
(d) सारांशकरणस्य
19. सुनीतायाः भाषानियमानां रूपाणां च ज्ञानम् अस्ति। एतेन तस्याः विकासः अस्ति- (CTET, July 2016)
(a) भाषिकसामर्थ्य
(c) द्विभाषिकसामर्थ्य
(b) बहुभाषिकसामर्थ्य
(d) संप्रेषणसामर्थ्य
20. भाषाधिगमार्थ सूचनापत्रकाणां विज्ञापनानां च सामग्रीरूपेण व्यवहारः क्रियते। तेषामुपयोगिता भवति-
(CTET, July 2016)
(a) आहारमयवातावरणार्थम्
(b) क्रीडामयवातावरणार्थम्
(c) अभ्यासमयवातावरणार्थम्
(d) लेखमयवातावरणार्थम्
21. उत्पादकशब्दावली सन्निवेशयति-
(CTET, July 2016)
(a) श्रवणसमये अभिज्ञातान् शब्दान्
(b) लेखनसमये प्रयुक्तान् शब्दान्
(c) सम्भाषणसमये लेखनसमये च प्रयुक्तान् शब्दान्
(d) सम्भाषणसमये प्रयुक्तान् शब्दान्
22. प्रक्रियालेखने बहुविधिस्थितीनां क्रमः
(CTET, July 2016)
(a) विमर्शः, टिप्पणं, प्रारूपलेखनं, सम्पादनम्, अन्तिमलेखनं च
(b) टिप्पणं, सम्पादनं, प्रारूपलेखनम्, अन्तिमलेखनं, च
(c) विमर्शः, टिप्पणं, सम्पादनं, प्रारूपलेखनम्, अन्तिमलेखनं च
(d) टिप्पणं, प्रारूपलेखनं, सम्पादनम्, अन्तिमलेखनं च
23. अधस्तनेषु किं श्रवणपूर्वगतिविधिः अस्ति? (CTET, July 2016)
(a) परिच्छेदस्य भावम् आदाय तद्गत प्रश्नानाम् उत्तरं लेखितुं छात्रान् निर्दिशति ।
(b) शिक्षकः प्रस्तुतविषये जीवनानुभवविषये च छात्रः किं जानाति इति प्रश्नं कुर्यात्।
(c) परिच्छेदस्य विषये प्रश्नं कुर्यात् ।
(d) शब्दान् वाक्यांशान् च संगृह्य तदुपरि पूर्वं चर्चा कुर्यात् ।
24. लेखनस्य प्रक्रियास्वरूपानुसारं शिक्षिका विमर्शेण सह प्रारम्भं करोति। अत्र विमर्शः इत्यस्स आशयः
(CTET, July 2016)
(a) उपस्थितविषयोपरि विचाराणां सङ्ङ्ग्रहः उपस्थापनं च
(b) स्वस्थबुद्धे कृते यौगिकव्यायामः
(c) उपस्थितविषयस्य बोधार्थं बुद्धौ बलाघातः
(d) बुद्धौ ज्ञानस्य चक्रवातकरणम्
25. सम्प्रेषणदक्षता नाम
(CTET, July 2016)
(a) शुद्धतया भाषायाः प्रयोगं कर्तुं छात्राणां दक्षता
(b) धाराप्रवाहं भाषायाः प्रयोगं कर्तुं छात्राणां दक्षता
(c) दोषमुक्तं लेखितुं छात्राणां दक्षता
(d) अर्थ बोधयितुं भाषायाः प्रयोगः कर्तुं छात्राणां दक्षता
26. लेखनकौशलविकाससमग्रे शिक्षकः मुख्यतया अवधारयेत् - (CTET, Feb. 2016)
(a) कालमर्यादाम्
(c) व्याकरणम्
(b) सुन्दरहस्ताक्षरम्
(d) भावाभिव्यक्तिम्
27. गीता एकं कथासंग्रहं पठति। एवम्प्रकारकं पठनं कथ्यते - (CTET, Feb. 2016)
(a) परीक्षार्थ पठनम् इति
(b) आनन्दार्थं पठनम् इति
(c) विश्दार्थ पठनम् इति
(d) सूचनाप्राप्तीच्छा इति
28. भाषायाः कौशलचतुष्टयम् अतिरिच्य अधोलिखितेषु अपरं कौशलं किम् अस्ति ?
(CTET, Feb. 2016)
(a) सर्जनकौशलम्
(b) सम्प्रेषणकौशलम्
(c) चिन्तनकौशलम्
(d) अध्ययनकौशलम्
29. भाषादक्षतायाः कृते अधोलिखितेषु कस्य महत्त्ववं सर्वाधिकम् ?
(CTET, Feb. 2016)
(a) न्यूनमूल्यशिक्षणसहायकसामग्रीणां प्रयोगः
(b) शुद्धोच्चारणेन सह वाचनम्
(c) सुन्दरहस्ताक्षरैः अभ्यासकार्यलेखनम्
(d) शुद्धतायाः धाराप्रवाहस्य च विकासः
30. प्रत्येकभाषायाः लिपिः वर्तते। इयम् उक्तिः (CTET, Feb. 2016)
(a) अंशतः असत्यम्
(c) सत्यम
(b) असत्यम्
(d) अशंतः सत्यम्
31. सारकथनम् एकम् -
(a) लेखनान्तं कार्यम्
(b) पठनपूर्व कार्यम्
(c) पठनान्तं कार्यम्
(d) लेखनपूर्व कार्यम्
32. शालिनी एकस्य पुस्तकस्य पृष्ठेषु दृष्टिं निक्षिपति। एवं सा किं करोति ?
(CTET, Feb. 2016)
(a) चित्राणाम् अवलोकनं करोति
(b) गभीरतया अध्ययनं करोति
(c) पर्यालोचनं करोति
(d) विशेषसूचनार्थम् अन्वेषणं करोति
33. यदा छात्राः विरामादिचिह्नविषयककौशलवर्धनार्थ शिक्षिताः भवन्ति. तदा ते- (CTET, Dec. 2018)
(a) सम्भाषणकौशलं वर्धिष्यन्ति ।
(b) स्वस्य सृजनात्मकतां वर्धापयिष्यन्ति ।
(c) स्वस्य अधिगमकौशलं सुदृढं करिष्यन्ति ।
(d) लेखनशुद्धता प्राप्स्यन्ति।
34. भाषाशिक्षणकक्षायां रचनावादस्य (Constructivism) अर्थः भवति -
(CTET, Dec. 2018)
a) छात्राः प्रपञ्चविषये स्वकीयम् अध्ययनं, ज्ञानञ्च वस्तूनां
प्रतिविम्व अनुभवद्वारा, भाषाकौशलेन प्राप्नुवन्ति ।
(b) छात्राः स्वकीयम् अधिगमसामग्री (learning aiosQ) स्वयं निर्माय प्रत्यक्षज्ञानं प्राप्नुवन्ति ।
(c) छात्राः केनचित् अध्यापकेन सहकृताः भवन्ति, विभिन्नमाध्यमानां (medium) साह्येन स्वयं सिद्धान्तं व्यवस्थापयन्ति।
(d) न किमपि
35. भाषाध्यापकः अस्मात् लेखनकौशलं शिक्षयितुं शक्नोति- (CTET, Dec. 2018)
(a) ज्ञानवर्धकविचाराणां (Brainstorming ideas) साह्येन
स्वशब्दैः मातृभाषायां लेखितुम् उक्त्वा ।
(b) छात्रान् लेखादीन् पठितुं सूचयित्वा।
(c) श्रुतलेखनम् (Dictation)।
(d) छात्राणां कृते स्पष्टतया लिखितुम् आदेशः।
36. दिव्याङ्ङ्गानां (children with special neeosQ)
लेखनकौशलवर्धनार्थं कस्यः आवश्यकता भवति ? (CTET, Dec. 2018)
(a) समीचीनशब्दावल्याः प्रयोगः
(b) सुन्दराणि हस्ताक्षराणि
(c) विचाराणां मौलिकता
(d) प्रतीकात्मक भाषायाः (symbolic language) प्रयोगः
37. भाषायाः प्राथमिकरूपम् अस्ति-(CTET, Dec. 2018)
(a) लिखितभाषा
(b) मौखिकभाषा
(c) सङ्केतभाषा (sign language)
(d) व्याकरणम्
38. लेखनपरम्परायां अधस्तनेषु किं सम्बद्धम् अस्ति ?(CTET, Dec. 2018)
(a) विरामचिह्नानां सम्यकप्रयोगः
(b) समीचीन-शब्दावली
(c) कथाविचाराः (story ideas)
(d) कल्पना
39. प्राथमिक विद्यालयस्य कस्यचन विद्यार्थिनः श्रवण वाचनकौशलयोः विकासार्थं निम्नलिखितपध्दतिषु का वा पद्धतिः उपयुक्ता भवति ?
(CTET, Dec. 2018)
(a) अभिनयः तथा वार्तावाचनम् (news reading)
(b) अभिनयः तथा संवादः (Interaction)
(c) कथा श्रवणं तथा श्रुतलेखनम् (dictation)
(d) काव्यपाठः तथा भाषाप्रयोगशाला (language Laboratory)
40. भाषा तावत् एतस्य अभिव्यक्तेः, स्वाभिप्रायप्रकटनाय उत्तमं माध्यमम् अस्ति -(CTET, Dec. 2018)
(a) प्रचारस्य (Propagation)
(b) सङ्ग्रहस्य (Collection)
(c) आदान-प्रदान विनिमयस्य (Exchange)
(d) उपर्युक्तं सर्वमपि
41. भाषाकौशलसन्दर्भ (Language skills) किं वा कथनं सत्यं नास्ति ?
(CTET, Dec. 2018)
(a) भाषाकौशलविकासार्थ व्यवहारापेक्षया भाषा-सिद्धान्ताः प्रधानाः।
(b) बालाः श्रवण, भाषण, पठन, लेखनक्रमेणैव भाषाम् अधीयन्ते।
(c) पाठशालासु पठन, लेखनकौशलयोः कृते बलं देयम्।
(d) उपर्युक्तानि सर्वाण्यपि कौशलानि परस्पर सम्बद्धानि।
42. मातृभाषाशिक्षणस्य ज्ञानोद्देश्येषु निम्नलिखितेषु किं नास्ति ?
(CTET, Dec. 2018)
(a) भाषातत्त्वानां पर्याप्तज्ञानम्
(b) विषयवस्तुनः ज्ञानार्जनम्
(c) उच्चारणस्य ज्ञानार्जनम्
(d) भाषायां विभिन्नप्रकाराणां लेखनानां विषयक ज्ञानार्जनम्
43. एकस्यां समावेशी-कक्ष्यायां (Inclusive class) बालाः अस्मिन् अधिकप्रमादान् आचरन्ति-
(CTET, Dec. 2018)
(a) पठने
(b) लेखने
• (c) भाषणे
(d) सर्वेष्वपि
44. रुचिसंवर्धनार्थम् अपेक्षितं किं नाम? 44. विद्यार्थिषु उच्चप्राथमिकस्तरे उच्च माध्यमिकस्तरे भाषायां
(CTET, Dec. 2018)
(a) विद्यार्थिनः पुस्तकानि पठितुं सूचिताः भवेयुः
(b) विद्यार्थिभ्यः मौखिकरूपेण अधिकाधिकविवरणं देयम्
(c) विद्यार्थिभ्यः अधिकं श्रुतलेखनं (Dictation)
(d) विद्यार्थिनां व्याकरणज्ञानस्य वर्धन कार्यम्
45. भाषाशिक्षणे भाषायाः आत्मसाक्षात्कारस्य (Internalization) सर्वाधिकमहत्त्वपूर्णः अंशः अस्ति-
(CTET, Dec. 2018)
(a) श्रवणम् एवं पठनम्
(b) केवलं श्रवणम्
(c) केवलं पठनम्
(d) केवलं लेखनम्
46. दोषपूर्णपठनाभ्यासस्य कारणेषु अन्यतमं कारणं भवति। (CTET, Dec. 2018)
(a) बहुभाषाज्ञानम् (Multilingualism)
(b) द्विभाषाज्ञानम् (Bilingualism)
(c) कक्ष्यायां बहुविद्यार्थिनां सम्मर्दः (Over crowded class)
(d) अङ्गुलीदर्शनम् (Finger pointing) अथवा पठने चक्षुरक्षर-संयोगार्थम् अङ्गुलीदर्शनम्
47. कौशल-उद्देश्येषु (Skill objectives) किं निम्नलिखितं सम्बद्ध नास्ति ? (CTET, Dec. 2018)
(a) पठनम्
(c) भाषायाम्
(b) लेखनम्
(d) आसक्तिः
48. छात्रान् उत्कृष्टलेखकान् कर्तुं शिक्षकः कुत्र अधिकं ध्यानं दद्यात् यस्य महत्त्वं सर्वाधिकम्-
(CTET, July 2019)
(a) अभिव्यक्तिः
(c) हस्ताक्षरम्
(b) शब्दावधिः
(d) व्याकरणम्
49. एकस्य पाठस्य पठनसमये अधोलिखितेषु किम् अत्यावश्यकम् ? (CTET, July 2019)
(a) पाठस्य अर्थावबोधः
(b) शीघ्रतया पठनम्
(c) शुद्धोचारणेन सह पठनम्
(d) विरामचिन्हानां शुद्धतया प्रयोगः
50. द्वितीयाकक्षायाः शिक्षिका कक्षायां भावभङिङ्गमया अभिव्यक्त्या च सह एकां बहुरूचिकरां कथां श्रावयति। ततः अनन्तरं सा कांश्चन छात्रान् तां कथां स्वशब्दैः पुनः कथयितुं निर्दिशति। एवं सा आकलनं करोति.........
(CTET, July 2019)
(a) पठनावबोधस्य
(b) लेखनावबोधस्य
(c) श्रवणावबोधस्य
(d) सम्भाषणवोधस्य
51. कक्षायां लेखनस्य प्रारम्भः कर्तुं शिक्षकः (CTET, July 2019)
(a) विद्यालयम् आगमनात् पूर्व विभिन्नान् परिच्छेदान् पठितुं छात्रान् निर्दिशेत्।
(b) सुन्दरहस्ताक्षरेण लेखितुं छात्रान् निर्दिशेत्।
(c) विषयोपरि मन्थनं कृत्वा विचाराणां निर्माणं कर्तुं छात्रान् निर्दिशेत्।
(d) कृष्णफलके विपयोपरि लिखितं परिच्छेदम् अनुलेखितुं छात्रान् निर्दिशेत् ।
52. बालेन मातृभाषायाः अधिग्रहणं भवति प्रमुखतया-
(a) लेखनेन
(c) श्रवणेन
(CTET, July 2019)
(b) औपचारिक-शिक्षणव्यवस्था
(d) सम्भापणेन
53. उत्पादककौशलेषु कस्य समावेशः अस्ति ? (CTET, July 2019)
(a) लेखनसम्भाषणे
(c) पठनलेखने
(b) श्रवणसंम्भापणे
(d) पठनलेखने
54. अधोलिखितेषु किं ग्रहणात्मककौशलम् अस्ति ?
(CTET, July 2019)
(a) पठनं लेखनं च
(b) पठनं संभाषणं च
(c) श्रवणं संभाषणं च
(d) श्रवणं पठनं च
55. कश्चित् विषयमधिकृत्य स्वतन्त्रतया लेखितुं चतुर्थकक्षायाः छात्रान् शिक्षकः नियोजयितुं शक्नोति, यदि सः विषयः सम्बद्धः अस्ति -
(a) वैयक्तिकजीवनेन
(July 2019)
(b) वातावरणसमस्याभिः
(c) सामाजिकसमस्याभिः
(d) राष्ट्रैक्येन
56. अनौपचारिक-माध्यमेन कस्याश्चिद् भाषायाः अधिगमार्थम् अधोलिखितेषु कस्य समावेशः अस्ति-
(CTET, July 2019)
(a) भाषाप्रशिक्षणकेन्द्रस्य
(b) विद्यालयस्य
(c) भाषाप्रयोगशालायाः
(d) गृहपरिवेशस्य
57. पठनं नाम न केवलं लिखितपाठस्य उच्चारणम् अपितु एतद् अपि
महत्त्वपूर्ण यत् कश्चित् -
(CTET, July 2019)
(a) नवीनशब्दान् नवीनवाक्यरचनायाः च अधिगमं कुर्यात्
(b) नवीनशब्दान् उच्चारणगतसमस्याः दूरीकुर्यात्।
(c) स्फुटवक्ताऽपि भवेत्।
(d) पाठस्य अर्थस्य अवबोधं कुर्यात्।
58. एकः प्रभावी भाषाशिक्षकः
(CTET, July 2019)
(a) तेषां प्रश्नपत्राणां निर्माणं करिष्यन्ति यानि पाठ्यपुस्तकाधारितानि एव सन्ति।
(b) निर्धारित पाठ्यपुस्तकाद् बहिः न गमिष्यति ।
(c) पाठ्यपुस्तकस्य समस्तप्रश्नानाम् उत्तराणि छात्रान् अधिगमयति।
(d) पाठ्यपुस्तकस्य उपयोगं करिष्यति, तथैव पाठ्यपुस्तकाद्
बहिरपि गमिष्यति।
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