BPSC Number system | BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा




 संख्या पद्धति

Q. अष्टाधारी संख्या प्रणाली

का आधार _______ है।

  1. 10
  2. 16 
  3. 8
  4. 2

संख्याओं को लिखने एवं उनके नामकरण के सुव्यवस्थित नियमों को संख्या पद्धति (Number system) कहते हैं। इसके लिये निर्धारित प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है जिनकी संख्या निश्चित एवं सीमित होती है। इन प्रतीकों को विविध प्रकार से व्यस्थित करके भिन्न-भिन्न संख्याएँ निरूपित की जाती हैं।


दशमलव पद्धति:-

दशमलव पद्धति या दाशमिक संख्या पद्धति या दशाधार संख्या पद्धति (decimal system, "base ten" or "denary") वह संख्या पद्धति है जिसमें गिनती/गणना के लिये कुल दस अंकों या 'दस संकेतों' (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का सहारा लिया जाता है। यह मानव द्वारा सर्वाधिक प्रयुक्त संख्यापद्धति है।

उदाहरण के लिये 645.7 दशमलव पद्धति में लिखी एक संख्या है।

(गलतफहमी से बचने के लिये यहाँ दशमलव बिन्दु के स्थान पर 'कॉमा' का प्रयोग किया गया है।)

इस पद्धति की सफलता के बहुत से कारण हैं-

  • किसी भी संख्या को निरूपित करने के लिये केवल दस संकेतों का प्रयोग - दस संकेत न इतने अधिक हैं कि याद न किये जा सकें और न इतने कम हैं कि बड़ी संख्याओं को लिखने के लिये संकेतों को बहुत बार उपयोग करना पड़े। (उदाहरण के लिये 255 को बाइनरी संख्या पद्धति में लिखने के लिये आठ अंकों की जरूरत होगी ; 255 = 11111111)
  • दस का अंक मानव के लिये अत्यन्त परिचित हैं - हाथों में कुल दस अंगुलियाँ है; पैरों में भी दस अंगुलियाँ हैं।



द्वयाधारी संख्या पद्धति:-

द्व्याधारित (द्वि + आधारित) या द्व्यंकीय (द्वि + अंकीय) संख्या पद्धति गणितीय अभिव्यक्ति की एक विधि है जो केवल दो अंकों का प्रयोग करती है: 0 (शून्य) और 1 (एक)।  

द्व्यंकीय अंक प्रणाली 2 के आधार के साथ स्थितीय संकेतन है। प्रत्येक अंक को द्व्यंक कहा जाता है। लॉजिक गेटों का प्रयोग करते हुए अंकीय वैद्युतिक परिपथ में इसके सीधे कार्यान्वयन के कारण, द्व्यंकीय प्रणाली का उपयोग लगभग सभी आधुनिक कम्प्यूटरों और कम्प्यूटराधारित उपकरणों द्वारा किया जाता है, उपयोग की एक पसन्दीदा प्रणाली के रूप में, संचार की विभिन्न अन्य मानव तकनीकों पर, सादगी के कारण भौतिक कार्यान्वयन में भाषा और शोर प्रतिरक्षा।

अष्टाधारी संख्या पद्धति:-

अष्टाधारी संख्या पद्धति (ऑक्टल न्युमरल सिस्टम) संख्याओं के निरूपण की एक स्थानीय मान पद्धति है। इसका मूलांक (रैडिक्स) 8 (आठ) है। अतः अष्टाधारी संख्या 112 = दाशमिक संख्या 74 .


षोडषाधारी संख्या पद्धति:-


गणित और कंप्यूटर विज्ञान में, षोडश आधारी (हेक्साडेसिमल) एक स्थितीय अंक प्रणाली (पोजीशनल न्यूमरल सिस्टम) है जिसके आधारांक (बेस) का मान 16 होता है। इसमें सोलह अलग-अलग प्रतीकों का इस्तेमाल होता है जिसमें 0 से 9 तक के प्रतीक शून्य से नौ तक के मानों को प्रदर्शित करते हैं और A, B, C, D, E, F (या वैकल्पिक रूप से a से f) तक के प्रतीक दस से पंद्रह तक के मानों को प्रदर्शित करते हैं। उदाहरण के लिए, हेक्साडेसिमल संख्या 2AF3 का मान दाशमिक संख्या प्रणाली में (2 × 163) + (10 × 162) + (15 × 161) + (3 × 160) या 10,995 के बराबर होता है।


प्रत्‍येक हेक्साडेसिमल अंक, चार बाइनरी अंकों (बिट्स) (जिसे "निबल" (nibble) भी कहा जाता है) का प्रतिनिधित्व करता है और हेक्साडेसिमल नोटेशन का उपयोग, कंप्यूटिंग एवं डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स में बाइनरी कोडित मानों के एक मानव-अनुकूल प्रदर्शन के रूप में किया जाता है। उदाहरण के लिए, बाईट के मान 0 से 255 (दशमलव अंक) तक हो सकता है लेकिन इसके मानों को और सुविधाजनक ढ़ंग से 00 से लेकर FF तक वाले दो हेक्साडेसिमल अकों के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है। हेक्साडेसिमल का इस्तेमाल आम तौर पर कंप्यूटर मेमोरी एड्रेसों को दर्शाने के लिए भी किया जाता है।

प्रमुख प्रचलित संख्या पद्धतियाँ हैं।


द्विआधारी संख्या प्रणाली: द्विआधारी संख्या प्रणाली में केवल दो अंक होते हैं जो 0 और 1 हैं। प्रत्येक संख्या (मान) इस संख्या प्रणाली में 0 और 1 दर्शाते हैं। द्विआधारी संख्या प्रणाली का आधार 2 होता है क्योंकि इसमें केवल दो अंक होते हैं।

अष्टाधारी संख्या प्रणाली: अष्टाधारी संख्या प्रणाली में 0 से 7 तक केवल आठ (8) अंक होते हैं। प्रत्येक संख्या (मान) को इस संख्या प्रणाली में 0,1,2,3,4,5,6 और 7 के साथ दर्शाया जाता है। अष्टाधारी संख्या प्रणाली का आधार 8 होता है क्योंकि इसमें केवल 8 अंक होते हैं।

दशमलव संख्या प्रणाली: दशमलव संख्या प्रणाली में 0 से 9 तक केवल दस (10) अंक होते हैं। प्रत्येक संख्या (मान) को इस संख्या प्रणाली में 0,1,2,3,4,5,6, 7,8 और 9 के साथ दर्शाया जाता है। दशमलव संख्या प्रणाली का आधार 10 है क्योंकि इसमें केवल 10 अंक होते हैं। 

षोडश आधारी संख्या प्रणाली: षोडश आधारी संख्या प्रणाली में 0 से 9 और A से F तक सोलह (16) अक्षरांकीय मान होते हैं। प्रत्येक संख्या (मान) को इस संख्या प्रणाली में 0,1,2,3,4,5,6, 7,8,9,A,B,C,D,E और F के साथ दर्शाया गया है। षोडश आधारी संख्या प्रणाली का आधार 16 होता है क्योंकि इसमें 16 अक्षरांकीय मान होते हैं। यहाँ A, 10 है, B, 11 है, C, 12 है, D, 13 है, E, 14 है और F, 15 है। 

संख्या प्रणाली 

आधार 

प्रयुक्त अंक 

उदाहरण 

द्विआधारी 

2

0,1

(11110000)2

अष्टाधारी 

8

0,1,2,3,4,5,6,7

(360)8

दशमलव

10

0,1,2,3,4,5,6,7,8,9

(240)10

षोडश आधारी

16

0,1,2,3,4,5,6,7,8,9,
A,B,C,D,E,F

(F0)16

 

संख्या पद्धति किसे कहते हैं

संख्याओं को लिखने और संख्याओं के नामकरण को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया को संख्या पद्धति कहते हैं।

संख्या पद्धति में हम 0 से लेकर अनंत तक कि संख्याओं के बारे में पढ़ते और समझते हैं।

संख्या पद्धति में संख्याओं को कितने वर्गों में बाँटा गया हैं यह जानकारी समझकर संख्याओं का उपयोग करना सीखते हैं।

0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9…….. अनंत तक की सभी संख्याओं को हम संख्या पद्धति कहते हैं।

संख्या पद्धति के प्रकार

संख्या पद्धति में संख्याएँ 12 प्रकार की होती हैं।


प्राकृतिक संख्या → 1, 2, 3, 4, 5, ………

सम संख्या → 2, 4, 6, 8, 10, ………

विषम संख्या → 1, 3, 5, 7, 9, ………

पूर्णांक संख्या → -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, ………

पूर्ण संख्या → 0, 1, 2, 3, 4, ………

भाज्य संख्या → 4, 6, 8, 9, ………

अभाज्य संख्या → 2, 3, 5, 7, 11, ………

सह अभाज्य संख्या → (5, 7) , (2, 3)

परिमेय संख्या → √4, 7/5, 2/3, 3

अपरिमेय संख्या → √5, √7, √11, √13

वास्तविक संख्या → √4, √11, 4/7

अवास्तविक संख्या → √-6, √-5, √-29

नीचे हम संख्याओं के 12 प्रकारों को विस्तार से पढ़ते एवं समझते हैं।

1. प्राकृतिक संख्या (Natural Number)

गिनती में उपयोग की जाने वाली प्रत्येक संख्याएँ प्राकृतिक संख्या कहलाती हैं।


जैसे:- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9……………अनंत

2. सम संख्या (Even Number)

ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित हो जाती हैं सम संख्या कहलाती हैं।

जैसे:- 2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18, 20…….………अनंत

3. विषम संख्या (Odd Number)

ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः से विभाजित नहीं होती विषम संख्या कहलाती हैं।

जैसे:- 1, 3, 5, 7, 9, 11, ……………अनंत

4. पूर्णांक संख्या (Integer Number)

धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य से मिलकर बनी हुई संख्याएँ पूर्णांक संख्या कहलाती हैं।

जैसे:- -5, -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, 5……………..………अनंत

पूर्णांक संख्याएँ तीन प्रकार की होती हैं।

  • धनात्मक संख्या
  • ऋणात्मक संख्या
  • उदासीन पूर्णांक

(a). धनात्मक संख्याएँ:- एक से लेकर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक हैं।

(b). ऋणात्मक संख्याएँ:- 1 से लेकर अनंत तक कि सभी ऋणात्मक संख्याएँ त्रणात्मक पूर्णांक हैं।

(c). उदासीन पूर्णांक:- ऐसा पूर्णांक जिस पर धनात्मक और ऋणात्मक चिन्ह का कोई प्रवाह ना पढ़े तो यह जीरो होता हैं।

5. पूर्ण संख्या (Whole Number)

प्राकृतिक संख्या में जीरो को शामिल कर लेने पर यह पूर्ण संख्या बनती हैं।


जैसे:- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9……….………अनंत

6. भाज्य संख्या (Composite Number)

ऐसी प्राकृत संख्या जो स्वंय और 1 से विभाजित होने के अतिरिक्त कम से कम किसी एक अन्य संख्या से विभाजित हो उन्हें भाज्य संख्या कहते हैं।

जैसे:- 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 16, 18, 20……..………अनंत

7. अभाज्य संख्या (Prime Number)

ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो सिर्फ स्वंय से और 1 से विभाजित हो और किसी भी अन्य संख्या से विभाजित न हो उन्हें अभाज्य संख्या कहते हैं।

जैसे:- 2, 3, 5, 11, 13, 17, ………

8. सह अभाज्य संख्या (Co-prime Number)

कम से कम 2 अभाज्य संख्याओ का ऐसा समूह जिसका (HCF) 1 हो सह अभाज्य संख्या कहलाती हैं।

जैसे:- (5, 7), (2, 3)

9. परिमेय संख्या (Rational Number)

ऐसी सभी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता हैं। उन्हें परिमेय संख्या कहते है।

(q हर का मान जीरो नहीं होना चाहिए)

जैसे:- 3/4, 7/12, 17/19, √125, √625

10. अपरिमेय संख्या (Irrational Number)

ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नही लिखा जा सकता और मुख्यतः उन्हें (√) के अंदर लिखा जाता हैं। और कभी भी उनका पूर्ण वर्गमूल नहीं निकलता अपरिमेय संख्या कहते हैं।

जैसे:- √13, √17, √123, √217, √257, √567

नोट:- (π एक अपरिमेय संख्या हैं।)

11. वास्तविक संख्या (Real Number)

परिमेय और अपरिमेय संख्याओ को सम्मलित रूप से लिखने पर वास्तविक संख्या प्राप्त होती हैं।

जैसे:- 3/5, 7/11, 19/13, √121, √147, √973

12. अवास्तविक संख्या (Unreal Number)

यह एक काल्पनिक संख्या है जिसका वास्तविक नहीं होता हैं अवास्तविक संख्या या काल्पनिक संख्या को इकाई से दर्शाया जाता हैं।

जैसे:- √- 3, √-4, √-12, √-17, √-107 आदि।

संख्या पद्धति के सभी सूत्र

संख्याओं पर आधारित सूत्र

  • प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या / 2) × n
  • N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या / वर्ग अंतराल) +1
  • प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग = n(n+1)(2n+1)/6
  • प्रथम n प्राकृत संख्याओं के घनों का योग = [n(n+1)/2]²

अधिक जानकारी के लिए संख्या की पोस्ट पढ़िए।

भाग के सूत्र

  • भाज्य = (भाजक × भागफल) + शेषफल
  • भाज्य – शेषफल = भाजक × भागफल
  • भाज्य – शेषफल / भागफल = भाजक

अधिक जानकारी के लिए भाग की पोस्ट पढ़िए।

जानवरों की संख्या पर आधारित सूत्र

चार पैर वालों की संख्या = (पैर / 2) – सिर
दो पैर वालों की संख्या = सिर – चार पैर वालों की संख्या

इकाई के अंक पर आधारित महत्वपूर्ण बिंदु

इकाई के स्थान पर यदि 0 होगा तो इकाई का अंक 0 होगा।
इकाई के स्थान पर यदि 1 होगा तो इकाई का अंक 1 होगा।
इकाई के स्थान पर यदि 5 होगा तो इकाई का अंक 5 होगा।
इकाई के स्थान पर यदि 6 होगा तो इकाई का अंक 6 होगा।

Note :-

Trick 1. यदि आधार वाली संख्या में क्रमशः 0, 1, 5, 6, इकाई अंक होने पर उत्तर भी क्रमशः 0, 1, 5, और 6 ही होगा।

Trick 2. यदि आधार वाली संख्याओं में इकाई अंक 2, 3, 4, 7, 8, 9, होता है, तो घात को 4 से विभाजित करें, और इससे प्राप्त शेषफल आधार में लिखी संख्या में इकाई अंक पर लगाये।

Trick 3. शेषफल के रूप में 1, 2, और 3, प्राप्त होगा और पूर्णता विभाजित होने पर 0 प्राप्त होगा यदि शेषफल 0 प्राप्त होता हैं तो घात 4 की लम्बाई जाएगी।


स्थानीय मान और जातीय मान पर आधारित संख्या पद्धति

स्थानीय मान :- स्थानीय मान पर आधारित संख्या पद्धति में 2 या अधिक प्रतीक उपयोग में लाये जाते हैं। जितने प्रतीक होते हैं वही उस संख्या पद्धति का आधार कहलाता है। इन प्रतीकों का मान शून्य से लेकर b-1 तक होता है जहाँ b आधार हैं।

किसी दी गई संख्या में –

  • इकाई अंक का स्थानीय मान = इकाई अंक × 1
  • दहाई अंक का स्थानीय मान = दहाई अंक × 10
  • सैकड़े के अंक का स्थानीय मान = सैकड़े का अंक x 100
  • हजार के अंक का स्थानीय मान = सैकड़े का अंक x 1000

जातीय मान :- किसी दी गई संख्या में किसी अंक का जातीय मान उसका अपना मान होता है चाहे वह किसी भी स्थान पर क्यों ना हो।

जैसे:- संख्या 567834 में

  • 3 का जातीय मान 3 हैं।
  • 6 का जातीय मान 6 हैं।
  • 8 का जातीय मान 8 हैं।
  • 4 का जातीय मान 4 हैं।


संख्या पद्धति पर आधारित प्रश्न

Q.1 1 + 2 + 3 + 4 ……… 18 + 19 + 20 = ?
A. 210
B. 240
C. 280
D. 320

हल:- प्रश्नानुसार,
1 +2 + 3 + 4 ……… 18 + 19 + 20 = ?
अंतिम संख्या = 20
प्रथम संख्या = 1
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (20 – 1)/1 + 1
N = 19 + 1
N = 20
योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या / 2) × n
योग = (1 + 20 )/2 × 20
योग = (21 × 20)/2
योग = 21 × 10
योग = 210
Ans. 210

Q.2 1 + 2 + 3 + 4 ……… 78 + 79 + 80 = ?
A. 1,830
B. 3,240
C. 4,400
D. 3,860

हल:- प्रश्नानुसार,
1 + 2 + 3 + 4 ……… 78 + 79 + 80 = ?
अंतिम संख्या = 80
प्रथम संख्या = 1
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (80 – 1)/1 + 1
N = 79 + 1
N = 80
योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या / 2) × n
योग = (1 + 80 )/2 × 80
योग = (81 × 80)/2
योग = 81 × 40
योग = 3,240
Ans. 3,240

Q.3 1 से 24 तक की सभी संख्याओं का योग बताइए?
A. 246
B. 262
C. 289
D. 300

हल:- प्रश्नानुसार,
1 + 2 + 3 + 4 +…………….+ 20 + 21 + 22 + 23 + 24
पहली संख्या = 1
अंतिम संख्या = 24
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (24 – 1)/1 + 1
N = 23 + 1
N = 24
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (1 + 24)/2 × 24
योग = (25 × 24)/2
योग = 25 × 12
योग = 300
Ans. 300

Q.4 1 से 72 तक की सभी संख्याओं का योग बताइए?
A. 2460
B. 2628
C. 2890
D. 3000

हल:- प्रश्नानुसार,
1 + 2 + 3 + 4 +…………….+ 70 + 71 + 72
पहली संख्या = 1
अंतिम संख्या = 72
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (72 – 1)/1 + 1
N = 71 + 1
N = 72
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (1 + 72)/2 × 72
योग = (73 × 72)/2
योग = 73 × 36
योग = 2628
Ans. 2628

Q.5 21 से 75 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग बताइए?
A. 2240
B. 2480
C. 2640
D. 2980

हल:- प्रश्नानुसार,
21 + 22 + 23 + …………….+ 73 + 74 + 75
पहली संख्या = 21
अंतिम संख्या = 75
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (75 – 21)/1 + 1
N = 54 + 1
N = 55
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (21 + 75)/2 × 55
योग = 96/2 × 55
योग = 48 × 55
योग = 2640

Ans. 2640

Q.6 42 से 98 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग बताइए?
A. 3,500
B. 3,587
C. 3,990
D. 4,160

हल:- प्रश्नानुसार,
42 + 33 + 34 + …………….+ 94 + 95 + 98
पहली संख्या = 42
अंतिम संख्या = 98
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (98 – 42)/1 + 1
N = 56 + 1
N = 57
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (42 + 98)/2 × 57
योग = 140/2 × 57
योग = 70 × 57
योग = 3,990
Ans. 3,990

Q.7 50 से 100 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग बताइए?
A. 2,270
B. 3,290
C. 1,780
D. 3,825

हल:- प्रश्नानुसार,
50 + 51 + 52 + …………….+ 98 + 99 + 100
पहली संख्या = 50
अंतिम संख्या = 100
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (100 – 50)/1 + 1
N = 50 + 1
N = 51
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (50 + 100)/2 × 51
योग = (150 × 51)/2
योग = 75 × 51
योग = 3,825
Ans. 3,825

Q.8 28 से 45 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग बताइएं?
A. 657
B. 720
C. 820
D. 900

हल:- प्रश्नानुसार,
28 + 29 + 30 + …………….+ 43 + 44 + 45
पहली संख्या = 28
अंतिम संख्या = 45
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (45 – 28)/1 + 1
N = 17 + 1
N = 18
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (28 + 45)/2 × 18
योग = (73 × 18)/2
योग = 73 × 9
योग = 657
Ans. 657

Q.9 250 से 500 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग बताइए?
A. 94,125
B. 72,034
C. 82,543
D. 99,234

हल:- प्रश्नानुसार,
250 + 251 + 252 + …………….+ 498 + 499 + 500
पहली संख्या = 250
अंतिम संख्या = 500
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (500 – 250)/1 + 1
N = 250 + 1
N = 251
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (250 + 500)/2 × 251
योग = (750 × 251)/2
योग = 375 × 251
योग = 94,125
Ans. 94,125

Q.10 500 से 1000 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं का योग बताइए?
A. 9,84,125
B. 7,63,874
C. 3,75,750
D. 9,92,340

हल:- प्रश्नानुसार,
500 + 501 + 502 + …………….+ 998 + 999 + 1000
पहली संख्या = 500
अंतिम संख्या = 1000
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (1000 – 500)/1 + 1
N = 500 + 1
N = 501
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (500 + 1000)/2 × 501
योग = (1500 × 501)/2
योग = 750 × 501
योग = 3,75,750
Ans. 3,75,750

Q.11 2 से लेकर 50 तक की सभी सम संख्याओ का योग क्या हैं?
A. 720
B. 1404
C. 1234
D. 1664

हल:- प्रश्नानुसार,
2 + 4 + 6 +…………..+ 46 + 48 + 50
N = (अन्तिम संख्या – प्रथम संख्या)/2 + 1
N = (50 – 2)/2 + 1
N = 48/2 + 1
N = 24 + 1
N = 25
योग = (प्रथम संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (2 + 50)/2 × 25
योग = 52/2 × 25
योग = 26 × 54
योग = 1404
Ans. 1404

Q.12 2 से लेकर 108 तक की सभी सम संख्याओ का योग क्या हैं?
A. 1,256
B. 2,208
C. 2,970
D. 3,250

हल:- प्रश्नानुसार,
2 + 4 + 6 +…………..+ 104 + 106 + 108
N = (अन्तिम संख्या – प्रथम संख्या)/2 + 1
N = (108 – 2)/2 + 1
N = 106/2 + 1
N = 53 + 1
N = 54
योग = (प्रथम संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (2 + 108)/2 × 54
योग = 110/2 × 54
योग = 55 × 54
योग = 2,970
Ans. 2,970

Q.13 28 से 180 तक की सभी सम संख्याओं का योग बताइए?
A. 6,230
B. 7,300
C. 8,008
D. 8,800

हल:- प्रश्नानुसार,
28 + 30 + 32 + …………….+ 176 + 178 + 180
पहली संख्या = 28
अंतिम संख्या = 180
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (180 – 28)/2 + 1
N = 152/2 + 1
N = 76 + 1
N = 77
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (28 + 180)/2 × 77
योग = (208 × 77)/2
योग = 104 × 77
योग = 8,008
Ans. 8,008

Q.14 8 से 200 तक की सभी सम संख्याओं का योग बताइए?
A. 10,230
B. 10,300
C. 10,008
D. 10,088

हल:- प्रश्नानुसार,
8 + 10 + 12 + …………….+ 196 + 198 + 200
पहली संख्या = 8
अंतिम संख्या = 200
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (200 – 8)/2 + 1
N = 192/2 + 1
N = 96 + 1
N = 97
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (8 + 200)/2 × 97
योग = (208 × 97)/2
योग = 104 × 97
योग = 10,088
Ans. 10,088

Q.15 112 से 240 तक की सभी सम संख्याओं का योग बताइए?
A. 11,330
B. 12,300
C. 11,440
D. 12,880

हल:- प्रश्नानुसार,
112 + 113 + 114 + …………….+ 238 + 239 + 240
पहली संख्या = 112
अंतिम संख्या = 240
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (240 – 112)/2 + 1
N = 128/2 + 1
N = 64 + 1
N = 65
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (112 + 240)/2 × 65
योग = (352 × 65)/2
योग = 176 × 65
योग = 11,440
Ans. 11,440

Q.16 1 से 69 तक कि सभी विषम संख्याओं का योग बताइएं?
A. 1225
B. 1480
C. 1660
D. 1870

हल:- प्रश्नानुसार,
1 + 3 + …………….+ 67 + 69
पहली संख्या = 1
अंतिम संख्या = 69
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (69 – 1)/2 + 1
N = 68/2 + 1
N = 34 + 1
N = 35
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (1 + 69)/2 × 35
योग = 70/2 × 35
योग = 35 × 35
योग = 1225
Ans. 1225

Q.17 23 से 71 तक की सभी विषम संख्याओं का योग बताइएं?
A. 1176
B. 1175
C. 1178
D. 1179

हल:- प्रश्नानुसार,
23 + 25 + 27 + 29 +…………….+ 67 + 68 + 71
पहली संख्या = 23
अंतिम संख्या = 71
N = (अंतिम संख्या – पहली संख्या)/वर्ग अंतराल + 1
N = (71 – 23)/2 + 1
N = 48/2 + 1
N = 24 + 1
N = 25
प्राकृतिक संख्याओं का योग = (पहली संख्या + अंतिम संख्या)/2 × n
योग = (23 + 71)/2 × 25
योग = 94/2 × 25
योग = 47 × 25
योग = 1175
Ans. 1175

Q.18 1 से 20 तक कि सभी प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग बताइए?
A. 1,738
B. 2,870
C. 2,872
D. 2,827

हल:- प्रश्नानुसार,
n = 20
योग = n (n +1) (2n + 1) / 6
योग = 20 (20 + 1)(2 × 20 + 1) / 6
योग = 20 × 21 (40 + 1) / 6
योग = (20 × 21 × 41) / 6
योग = 10 × 7 × 41
योग = 2,870
Ans. 2,870

Q.19 1 से 80 तक कि सभी प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग बताइए?
A. 1,71,880
B. 1,71,880
C. 1,73,880
D. 1,74,880

हल:- प्रश्नानुसार,
n = 80
योग = n (n +1) (2n + 1) / 6
योग = 80 (80 + 1)(2 × 80 + 1) / 6
योग = 80 × 81 (160 + 1) / 6
योग = 80 × 81 × 161 / 6
योग = 1,73,880
Ans. 1,73,880

Q.20 1 से 32 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों का योग बताइये?
A. 10,580
B. 11,440
C. 12,640
D. 14,720

हल: प्रश्नानुसार,
n = 32
योग = n (n + 1) (2n +1 ) / 6
योग = 32 (32 + 1)(2 × 32 + 1) / 6
योग = 32 × 33 (64 + 1) / 6
योग = (32 × 33 × 65) / 6
योग = 16 × 11 × 65
योग = 11,440
Ans. 11,440


Q.22 1 से 18 तक की सभी प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग बताइये?

A. 2,200

B. 2,109

C. 3,180

D. 2,870


हल: प्रश्नानुसार,

n = 18

योग = n (n + 1) (2n + 1) / 6

योग = 18 (18 + 1) (2 × 18 + 1) / 6

योग = 18 × 19 (36 + 1) / 6

योग = (18 × 19 ×3 7) / 6

योग = 3 × 19 × 37

योग = 2109

Ans. 2,109


Q.23 20 से 70 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों का योग बताइये?

A. 321780

B. 237890

C. 114325

D. 23678


हल:- प्रश्नानुसार,

n = 70

n = 19

n (n + 1) (2n + 1) / 6 – n (n + 1) (2 n + 1) / 6

70 (70 + 1) (2 × 70 + 1) / 6 – 19 (19 + 1) (2 × 29 + 1) / 6

(70 × 71 × 141 / 6) – (19 × 20 × 39 / 6)

(35 × 71 × 47) – (19 × 10 × 13)

116795 – 2470

114325

Ans. 114325


Q.24 12 से 25 तक की सभी प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों का योग बताइये?

A. 5019

B. 7089

C. 8095

D. 3270


हल:- प्रश्नानुसार,

n = 25

n = 11

[n (n + 1) (2n + 1)] / 6 – [n ( n + 1) ( 2 n + 1 )] / 6

[25(25 + 1) (2 × 25 + 1)]/ 6 – 11 [(11 + 1) (2 × 11 + 1)] / 6

(25 × 26 × 51) / 6 – ( 11 × 12 × 23) / 6

(25 × 13 × 17) – (11 × 2 × 23)

5,525 – 506

5,019

Ans. 5,019


Q.25 1 से 10 तक कि सभी प्राकृत संख्याओं के घनों का योग क्या है?
A. 3020
B. 3025
C. 3250
D. 3590

हल:- प्रश्नानुसार,
[n (n + 1) / 2 ]²
n = 10
[10 (10 + 1) / 2]²
[(10 × 11) / 2 ]²
(11× 5)²
(55)²
3025
Ans. 3025

Q.26 15 से 60 तक की सभी प्राकृत संख्याओं के घनों का योग क्या होगा?
A. 3237875
B. 3337875
C. 3437875
D. 3537875

हल:- प्रश्नानुसार,
n = 60
n = 14
[n (n + 1) / 2 ]² – [n (n + 1) / 2 ]²
[60 (60 + 1) / 2]² – [(14 (14 + 1) / 2 ]²
[(60 × 61)/2]² – [(14 × 15)/2]²
(61 × 30)² – (15 × 7)²
(1830)² – (105)²
3,348,900 – 11,025
3,337,875
Ans. 3,337,875

Q.27 1 से 100 तक की सभी प्राकृत संख्याओं के घनों का योग क्या हैं?
A. 25,502,500
B. 25,578,900
C. 25,890,800
D. 25,690,025

हल:- प्रश्नानुसार,
[n (n + 1) / 2]²
n = 100
[100 (100 + 1) / 2]²
[(100 × 101) / 2]²
(50 × 101)²
(5,050)²
25,502,500
Ans. 25,502,500





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

संप्रेषण की परिभाषाएं(Communication Definition and Types In Hindi)

  संप्रेषण की परिभाषाएं(Communication Definition and Types In Hindi) संप्रेषण का अर्थ ‘एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सूचनाओं एवं संदेशो...