➔    शायद गणित पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के सामने एक सवाल खड़ा होता है मेरे छात्र गणित की परीक्षा में बेहतर कर  सकें। इसके लिए मैं क्या कर सकता हूँ?
➔    बच्चे गणित को समझें और बेहतर तरीके से समझ सकें, इसके लिए गणित को भी गतिविधि आधारित होना चाहिए। गतिविधियां ऐसी जो सरल, सुलभ सामग्री पर आधारित हों।  
➔    सामग्री या संसाधनों की बात आते ही हम-आप सोच में पड़ जाते हैं कि गणित के हिसाब से ऐसी कौन-सी सामग्री हो सकती है?
एक बात साफ उभरती है। संसाधनों और गतिविधियों के जरिए छात्र कहीं अधिक बेहतर तरीके से सीख सकते हैं। शिक्षक के दृष्टिकोण से जिन चीजों में कठिनाइयां आएंगी वे हैं आयोजन, काम की योजना और गतिविधियों का लगातार संचालन।

किन साधनों का उपयोग किया जा सकता है?
झाडू की मींकें, बोतलों के ढक्कन, कपड़े, माचिस की डिब्बियां, लिफाफे, मीपी-शंख, डोरियां, रबर के छल्ले, ड्राइंग पिने, मोती-मनके, छोटे पत्थर, फीते, बटन, सिक्के, बीज, डिब्बे और वर्तन, कपड़े मुखाने की रस्सी, अखबार, पुरानी पत्रिकाएं, कागज़ और पुराने कार्ड, छोटी डगालें, लकड़ी के टुकड़े, गत्ते के पुराने डिब्बे, काली मिट्टी, टीन, झोले, बोतलें और लोग। परन्तु इसमें सबसे आवश्यक और महत्वपूर्ण है, दिमाग। इनके अलावा कई और चीजें हैं जो आपको आसानी से स्कूल और स्थानीय परिवेश से मिल जाएंगी।

साधन तैयार करना
कुछ शैक्षिक साधनों को तैयार करने में देरी लगती है। परन्तु, उन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। दूसरी ओर कुछ चीजें जल्दी बनाई जा सकती हैं और उन्हें भी बार-बार उपयोग किया जा सकता है। परन्तु कुछ वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें केवल एक ही बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इनको बनाना चाहेंगे या नहीं, यह आप तय करें।

आपको कितनी संख्या में हरेक संसाधन चाहिए इसके बारे में भी सोचें। क्या आप इस मात्रा को कम कर सकते हैं? उदाहरण के लिए क्या आप, अपनी कक्षा का ढांचा बदल सकते हैं जिससे कि छात्रों का एक छोटा समूह ही एक बार में संसाधनों का प्रयोग करे? बाकी छात्र, सप्ताह के अन्य दिनों में उस उपकरण या शैक्षिक साधन को इस्तेमाल करें।
शिक्षण सामग्री आदि बनाने में सहायता लें। इसके लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं: -
➔    छात्र अपनी कापियां खुद बना सकते हैं।
➔    गणित के क्लब में, छात्रों के साथ मिलकर सीखने के साधन बनाएं।
➔    अपने अन्य शिक्षक साथियों के साथ मिलकर शैक्षिक साधन बनाएं। धीरे-धीरे आपके पास शिक्षण सामग्री का एक बैंक बन जाएगा।
➔    स्थानीय कारीगरों आदि को शैक्षिक साधन बनाने के लिए स्कूल में बुलाएं।
➔    एक टाइम-टेबिल बनाएं। शिक्षा के हरेक सत्र में कुछ शैक्षिक  साधन बनाएं। इस प्रकार कुछ समय बाद आपके पास संसाधनों का भी एक बैंक बन जाएगा।
मौका पड़ने पर संसाधन तुरंत उपलब्ध हों, इसके लिए उन्हें संभाल कर रखने की कोई जगह बनाएं। इसकी जिम्मेदारी किसी छात्र को सौंपे। छात्र सुनिश्चित करें कि ये साधन पूरी कक्षा में उपलब्ध रहें।
अगले कुछ पन्नों में हम गणित के उन शुरुआती बिन्दुओं के बारे में चर्चा करेंगे जिनमें, आसानी से बनाई इस शिक्षण सामग्री का इस्तेमाल हो सकता है।

किन साधनों का उपयोग किया जा सकता है?
झाडू की मींकें, बोतलों के ढक्कन, कपड़े, माचिस की डिब्बियां, लिफाफे, मीपी-शंख, डोरियां, रबर के छल्ले, ड्राइंग पिने, मोती-मनके, छोटे पत्थर, फीते, बटन, सिक्के, बीज, डिब्बे और वर्तन, कपड़े मुखाने की रस्सी, अखबार, पुरानी पत्रिकाएं, कागज़ और पुराने कार्ड, छोटी डगालें, लकड़ी के टुकड़े, गत्ते के पुराने डिब्बे, काली मिट्टी, टीन, झोले, बोतलें और लोग। परन्तु इसमें सबसे आवश्यक और महत्वपूर्ण है, दिमाग। इनके अलावा कई और चीजें हैं जो आपको आसानी से स्कूल और स्थानीय परिवेश से मिल जाएंगी।

बोतल के ढक्कनों का उपयोग

विषय - प्रतिबिम्ब
दर्पण के एक ओर स्थित, हरेक बिन्दु का, दर्पण-रेखा के दूसरी ओर, उतनी ही दूरी पर प्रतिबिम्ब बनेगा।
आवश्यक सामानः बोतल के ढक्कन, छोटे दर्पण, कार्ड की पट्टी
गतिविधि
चित्र के अनुसार कार्ड की पट्टी पर बोतल के 5 ढक्कन रखें।
दर्पण को टूटी रेखा पर रखें। उसके दोनों ओर एक-एक छात्र बैठे। एक छात्र दूसरे से पूछे कि उसे क्या दिखाई दे रहा है? आपकी राय में, दूसरे छात्र को क्या दिखाई दे रहा होगा? अब दर्पण-रेखा को सरकाएं। अब आपको क्या दिख रहा है? दूसरे छात्र को क्या दिख रहा होगा?
ढक्कनों की दो कतारें बनाएं या भिन्न रंगों के ढक्कनों को, अलगअलग पैटर्न में सजाकर प्रयोग करके देखें।