समकालीन भारत और शिक्षा C 2 full note's in hindi B.Ed.



इकाई - I




प्रश्न 1. शैक्षिक प्रबन्ध की मुख्य विशेषतायें लिखिए। Write main features of educational management.


उत्तर—शैक्षिक प्रबन्ध का एक रूप ही है। शैक्षिक प्रबन्ध की विशेषतायें मुख्य रूप से


निम्नलिखित हैं—


1. नियोजन प्रबन्ध—–शैक्षिक प्रबन्ध की सबसे पहली और मुख्य विशेषता, नियोजित प्रबन्ध से है। इसमें सारी प्रबन्ध व्यवस्था पूर्ण नियोजित होती है अर्थात् सारे कार्य क्रमबद्ध तरीके एवं नियोजित तरीके से किया जाते हैं। यह शैक्षिक प्रबन्ध की ही नहीं बल्कि सभी प्रबन्धों की पहली एवं महत्त्वपूर्ण विशेषता है।


2. समन्वित दृष्टिकोण – शैक्षिक प्रबन्ध की दूसरी महत्त्वपूर्ण विशेषता समन्वित दृष्टिकोण है । अन्य प्रबन्ध की तुलना में यह दृष्टिकोण ज्यादा समन्वित होता है क्योंकि इसमें प्रबन्ध की सारी व्यवस्था मानवीय होती है, इसमें छात्र-छात्रायें, शिक्षकों आदि से सम्बन्धित व्यवस्थायें होती हैं। इसलिए शैक्षिक प्रबन्ध तभी अच्छा हो सकता है जब कि वह पूर्णतया मानवीय सम्बन्धों पर आधारित हो। शिक्षण संस्थाओं की प्रगति इन मानवीय एवं समन्वित दृष्टिकोण पर ही निर्भर करती है। इसके द्वारा ही शिक्षा के उद्देश्यों की प्राप्ति भली-भाँति सम्भव है।


3. अमूर्त शैक्षिक प्रबन्ध अमूर्त भी माना जाता है। इसका कारण यह है कि शैक्षिक प्रबन्ध में हमारे कार्यों की सफलता का ज्ञान बहुत समय बाद लगता है। अन्य प्रबन्धों में तो सफलता का पता कुछ समय बाद ही लग जाता है लेकिन शैक्षिक प्रबन्ध में बालकों को इतनी सफलता मिली, इसका ज्ञान काफी समय बाद चल पाता है। इसकी यह विशेषता मानी जाती है। कि यह अमूर्त है।


4. अनवरत् प्रक्रिया — शैक्षिक प्रबन्ध की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह अनवरत रूप से चलती रहती है। इसमें योजना बनाने, निर्णय करने, संगठन करने, निर्देशन, समन्वय आदि के बारे में निरन्तर कार्य किये जाते हैं।


5. वैज्ञानिक दृष्टिकोण - शैक्षिक प्रबन्ध में अन्य प्रबन्धों की तरह वैज्ञानिक दृष्टिकोण बहुत आवश्यक है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तात्पर्य यही है कि हम सभी निर्णय पूर्व धारणाओं से दूर रहकर करें। पूर्व धारणाओं के आधार पर किये गये निर्णय ठीक नहीं होते इसीलिए आज का युग विज्ञान का युग माना जाता है।


प्रश्न 2. शैक्षिक प्रशासन की मुख्य विशेषताओं का वर्णन कीजिये । Describe main characteristics of Educational Administration. उत्तर- शैक्षिक प्रशासन की मुख्य विशेषतायें (Main characteristics of Educational Administration ) — शैक्षिक प्रशासन की मुख्य विशेषतायें निम्नलिखित हैं- 1. शैक्षिक प्रशासन की प्रकृति का लक्ष्य विद्यालय की कार्यशैली में सुधार लाना


होता है— शैक्षिक प्रशासन द्वारा विद्यालय के अन्तर्गत शिक्षक, छात्र तथा अन्य कार्यकर्त्ताओं के कार्यों में सुधार लाया जाता है। साथ ही उससे सम्बन्धित विधियों, नीतियों, साज-सज्जा आदि कार्यों में सुधार किया जाता है।


2. शैक्षिक प्रशासन का स्वरूप सदैव गतिशील होता है—शैक्षिक प्रशासन के स्वरूप की संरचना किसी भी राष्ट्र के सामाजिक आर्थिक तथा राजनीतिक आधार पर की जाती है। साथ ही इस तत्वों को परिवर्तन होने पर शैक्षिक प्रशासन में ही परिवर्तन होता रहा है। इस प्रकार इसकी प्रकृति गतिशील एवं परिवर्तनशील होती है।


3. शैक्षिक प्रशासन की उपयोगिता पर आधारित होती है— शिक्षा एक सामाजिक क्रिया है। इसलिये शैक्षिक प्रशासन द्वारा इस कार्य को उपयोगी महत्त्वपूर्ण बनाया जाता है ताकि समाज को समृद्धशाली एवं उन्नत किया जा सके।


4. शैक्षिक प्रशासन की एक समन्वित प्रकिया है— शैक्षिक प्रशासन की प्रकृति सम्बन्धी मौलिक तत्व जैसे-नियोजन, संगठन, संचालन, समन्वय, नियंत्रण, मूल्यांकन आदि सभी समन्वित रूप से एक दूसरे पर आधारित रूप में कार्य करते हैं। अतः इसकी प्रकृति एक समन्वित प्रक्रिया के रूप में कार्य करती है।


5. शैक्षिक प्रशासन की प्रकृति कार्यशील तथा नियंत्रित होती है— शैक्षिक प्रशासन के अन्तर्गत कार्य की प्रकृति यांत्रिक तथा स्वचालित न होकर कार्यशील एवं नियंत्रित होती है।



प्रश्न 4. सत्ता का अर्थ स्पष्ट कीजिये


Explain the meaning of authority.


उत्तर - सत्ता का अर्थ (The Meaning of Authority ) — सत्ता एक ऐसा शब्द है जिनके अनेक प्रकार के अर्थ प्रस्तुत किये जाते हैं। सत्ता को प्रायः शक्ति से संबंधित किया जाता है। सत्ता में आदेश देना एवं उसका पालना करवाना सम्मिलित है। यह संगठन की ओर से किसी व्यक्ति को कुछ करने के लिये दी गयी सत्ता है।


पेटरसन महोदय के अनुसार, “आदेश देने एवं उनके पालन का आज्ञा का अधिकार, सत्ता कहा जाता है। "


हेनरी फेयोल के अनुसार, "सत्ता आदेश देने का अधिकार है और उसके पालन करवाने


की शक्ति । "


डेनिस महोदय के अनुसार, "सत्ता निर्णय लेने एवं आदेश देने का अधिकार है।" थियो हैमन के अनुसार, "सत्ता वह वैधानिक शक्ति है जिसके आधार पर अधीनस्थों को काम करने के लिए कहा जाता है तथा उन्हें बाध्य किया जा सकता है और आदेश के उल्लंघन पर आवश्यकतानुसार प्रबंधक उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकता है। यहाँ तक कि उनको कार्य से भी पृथक कर सकता है।"


प्रश्न 5. सत्ता के पाँच कार्य लिखिये । Write five functions of authority.


उत्तर—सत्ता के कार्य (Functions of Authority ) — सत्ता मुख्य रूप से निम्नलिखित कार्य करती है-


1. यह उन लोगों को कुछ उत्तरदायित्व सौंपती है जो कि सत्ता का प्रयोग करते हैं। 2. यह निर्णय लेने में विशेषज्ञता को काम में लाती है।


3. यह क्रियाओं के बीच समन्वय स्थापित करती है।


4. सत्ता का प्रमुख कार्य व्यक्तिगत कार्यों की समाज द्वारा स्थायी आदर्शों में एकरूपता स्थापित करना है।


5. इसके द्वारा संगठन में समन्वय स्थापित किया जाता है।


प्रश्न 6. सत्ता की पाँच विशेषतायें लिखिये


Write five characteristics of authority.


उत्तर — सत्ता की विशेषतायें (Characteristics of Authority ) — सत्ता की निम्नलिखित विशेषतायें हैं-


1. सत्ता में निर्णय लिया जाता है तथा उसे लागू करने के लिए अधीनस्थों को कार्य सौंपा जाता है।


2. सत्ता आदेश देने का अधिकार है और उसके पालन करवाने की शक्ति है।


3. सत्ता एक प्रबन्धकीय अधिकार है जिसका प्रत्यायोजन होता है ।


4. यदि सत्ता का प्रत्यायोजन न हो तो किसी भी संगठन की कल्पना करना संभव नहीं है।


5. उच्च-स्तर पर सत्ता का क्षेत्र व्यापक होता है, किन्तु निचले स्तर तक पहुँचते-पहुँचते


काफी संकीर्ण हो जाता है।


प्रश्न 7. सत्ता की पाँच सीमायें लिखिये ।


Write five limits of authority.


उत्तर- 1. तकनीकी सीमाएँ— उच्च अधिकारी को सत्ता सौंपते समय यह ध्यान रखना चाहिये कि वही कार्य सौंपा जाये जिसमें वह कुशल एवं योग्य हो। यदि उसमें आवश्यक तकनीकी ज्ञान न हो तो वह अपने अधिकार सत्ता का प्रयोग ठीक से नहीं कर पायेगा।


2. कानूनी सीमाएँ –प्रबन्धक उन्हीं आदेशों का पालन अपने अधीनस्थों से करा सकता है, जो कानून सम्मत हों। जिन आदेशों से कानूनी व्यवस्थाओं का उल्लंघन होता है, उसके पालन करने के लिए वह अधीनस्थ को विवश नहीं कर सकता ।


3. आर्थिक सीमाएँ—उपलब्ध आर्थिक साधनों को देखते हुए ही प्रबन्धकों को अपनी सत्ता का प्रयोग करना पड़ता है।


4. मनोवैज्ञानिक सीमाएँ — अधिकारी सत्ता का प्रयोग करते समय प्रबन्धकों को इस


बात का ध्यान रखना पड़ता है कि कहीं इसकी विपरीत प्रतिक्रिया तो नहीं हो रही है।


5. प्राकृतिक सीमाएँ—किसी भी अधिकारी की सत्ता को जल, वायु, भौगोलिक स्थिति, वातावरण, प्राकृति संकट, महामारी, भूचाल, बाढ़ आदि सीमित कर सकती है।


प्रश्न 8. सत्ता और शक्ति में अन्तर स्पष्ट कीजिये ।


Differentiate between authority and power.


उत्तर - सत्ता और शक्ति (Authority And Power) - " सत्ता" और "शक्ति" को प्रायः एक दूसरे का पर्यायवाची माना जाता है किन्तु शैक्षिक प्रशासन में दोनों शब्दों का विशेष • अर्थ होता है। इसमें एक के लिए दूसरे का प्रयोग नहीं किया जा सकता।


प्रश्न 9. अधिकारों के प्रत्यायोजन की क्या आवश्यकता है ? पाँच बिन्दु


लिखिये


What is the need of delegation of power? Write five points


उत्तर—अधिकारों के प्रत्यायोजन की (Importance of Delegation of power )—अधिकारों का प्रत्यायोजन निम्नलिखित कारणों से आवश्यक है—


1. कोई भी विभागाध्यक्ष विभाग के समस्त कार्य अकेले अपने दम पर नहीं कर सकता । 2. प्रत्येक व्यक्ति सभी कार्य में दक्ष नहीं होता और न उन्हें वह स्वयं ही कर पाता है।


3. अधीनस्थों को कार्य सौंपने से उनकी प्रबन्धकीय योग्यता का विकास होता है। 4. इससे कर्मचारियों में उत्तरदायित्व की भावना का विकास होता है।


5. प्रत्यायोजन करने से प्रबन्धक का कार्यभार हल्का हो जाने से उसकी कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।


प्रश्न 10. अधिकारों के प्रत्यायोजन की पाँच सीमायें लिखिये Write five limitations of delegation of power.


उत्तर—अधिकारों के प्रत्यायोजन की सीमाएँ (Limitations of Delegation of power ) — अधीनस्थ कर्मचारियों को कुछ सीमाओं के भीतर ही अधिकार दिये जा सकते हैं, इस दृष्टि से निम्नलिखित अधिकारों को प्रायः नहीं दिया जाता है—


1. निश्चित धनराशि से अधिक व्यय करने का अधिकार


2. नियम निर्माण का अधिकार ।


3. नयी नीतियों और योजनाओं को स्वीकार करने का अधिकार ।


4. ऊँचे पदों पर नियुक्ति करने का अधिकार ।


5. अपने अधीनस्थों के विरुद्ध की गयी अपीलें सुनने का अधिकार


ये सारे अधिकार मुख्य प्रशासक के पास ही होने चाहिये क्योंकि इससे उसका संगठन पर


प्रभावशाली नियंत्रण और प्रभुत्व बना रहता है।


प्रश्न 11. अधिकारों के प्रत्यायोजन में मुख्य बाधायें कौन-सी हैं ? इनको दूर करने के उपाय सुझाइये


What are main hinderances in delegation of power? Write suggestions


for elimination of these.


उत्तर- प्रत्यायोजन में बाधाएँ (Hindrances in Delegation)—प्रत्यायोजन में अनेक बाधाएँ आती हैं। उनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं-


1. उच्च पदाधिकारी में अहं की भावना ।


2. उच्च पदाधिकारी प्रकाश में आने के लिए प्रत्येक बात का श्रेय स्वयं लेने के इच्छुक रहते हैं ।


3. शासन करने की लालसा । यह विचार कि अधीनस्थ कर्मचारियों में उचित निर्णय करने की योग्यता नहीं होती।


4.


5. इस प्रकार के विवेक का अभाव कि कब और कहाँ और किस अनुपात में शक्तियों का उचित प्रत्याधिकरण किया जाये।


उपरोक्त बाधाओं को दूर करने के उपाय – प्रत्यायोजन में आने वाली बाधाओं को


निम्नलिखित तरीकों से दूर किया जा सकता है- 1. प्रत्यायोजन स्पष्ट एवं लिखित होना चाहिए।


2. यह योजनाबद्ध एवं सुव्यवस्थित हो।


3. प्रत्यायोजन पद को किया जाये, न कि व्यक्ति को ।


4. ऐसी शक्तियों का प्रत्याधिकरण किया जाये जिनके सम्बन्ध में निम्न स्तर पर नियंत्रण


एवं निरीक्षण रखना संभव हो सके।


5. प्रत्यायोजन उसे ही दिया जाये, जो दक्ष हो ।


निबन्धात्मक प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1. " मूलत: शैक्षिक प्रशासन एक अत्यन्त व्यापक अर्थ रखने वाला विषय है और उसके कुशल संचालन पर व्यक्ति व समाज का भविष्य निर्भर है।" इस कथन के


आलोक में शैक्षिक प्रशासन के अर्थ को स्पष्ट कीजिये । "Basically Educational Administration is a subject of vast meaning and


future of man and society depends on its perfect direction." In the light of above statement explain the meaning of Educational Administration.






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