मूल्यांकन एवं मापन प्रश्न और परिभाषाएं(Measurement and Evaluation in Education)

 

मूल्यांकन एवं मापन प्रश्न और परिभाषाएं(Measurement and Evaluation in Education)

  • कोठारी आयोग – “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है तथा शिक्षा की संपूर्ण प्रक्रिया का अभिन्न अंग है यह शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ण रूप से संबंधित है मूल्यांकन के द्वारा शैक्षणिक उपलब्धि की भी जांच नहीं की जाती बल्कि उसके सुधार में भी सहायता मिलती है”


  • हन्ना के अनुसार – “विद्यालय द्वारा बालक के व्यवहार में लाए गए परिवर्तन के संबंध में परमाणु की संख्या और उनकी व्याख्या करने की प्रक्रिया को मूल्यांकन कहते हैं”


  • गुड्स के अनुसार –” मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सही ढंग से किसी वस्तु का मापन किया जा सकता है”


  • मुक्फात के अनुसार – “मूल्यांकन एक सतत प्रक्रिया है तथा यह बालक ओं की औपचारिक शैक्षणिक उपलब्धि की अपेक्षा करता है यह व्यक्ती के विकास में अधिक रुचि रखता है यह व्यक्ती के विकास को उसकी भावनाओं, विचारों तथा क्रियाओं से संबंधित वांछित व्यवहार गत परिवर्तन के रूप में व्यक्त करता है”


  • रेमर्स एवं गेज के अनुसार – ” मूल्यांकन में व्यक्ति या समाज अथवा दोनों की दृष्टि में जो उत्तम है अथवा वांछनीय है को माना जाता है”


  • क्लार व स्टार के अनुसार – ” मूल्यांकन वह निर्णय या विश्लेषण है जो विद्यार्थी के कार्य की प्राप्त सूचनाओं से निकाला जाता है”


#मापन एवं मूल्यांकन के अति महत्वपूर्ण वन लाइनर (measurement and evaluation in education in hindi)

  • मूल्यांकन किन दो शब्दों से मिलकर बना है। – मूल्य+अंकन


  • मूल्यांकन के कितने प्रकार होते हैं। – 3 लिखित, मौखिक, साक्षात्कार


  • मापन के कितने स्तर होते हैं। – 4 नामित, क्रमित, आंतरिक, अनुपातिक


  • मापन किस प्रकार की प्रक्रिया है। – नियमानुसार अंक प्रदान करने की


  • मूल्यांकन का संबंध किससे होता है। – अभिगमन से


  • मापन के स्तर किसने बतलाए हैं। – S.S Stivance


  • मूल्यांकन का क्षेत्र कैसा होता है। – व्यापक


  • ‘मानसिक मापन’ शब्द किसने प्रयोग किया। -Cattle


  • मापन की कोई दो विशेषता बतलाइए। – वस्तुनिष्ठ, वैध


  • उद्देश्य केंद्रित शिक्षा किस का लक्ष्य है। – मूल्यांकन का


  • ‘चर’ कितने प्रकार के होते हैं। – गुणात्मक, मात्रात्मक


  • मूल्यांकन में किसका अध्ययन किया जाता है। – शिक्षक एवं छात्र दोनों का


  • मात्रात्मक चर कितने प्रकार के होते हैं। – सतत एवं असतत


  • परिणात्मक मूल्यांकन होते हैं। – लिखित, मौखिक, प्रयोगात्मक


  • गुणात्मक मूल्यांकन होते हैं। – साक्षात्कार, निरीक्षण, प्रश्नावली


  • सर्वांगीण विकास हेतु क्या आवश्यक होता है। – सतत एवं व्यापक मूल्यांकन


  • मापन द्वारा किन बातों की जांच की जाती है। – रुचि, प्रकृति, चिंतन, कल्पना, प्रवृत्ति


  • किसी गुण या विशेषता को गणिती इकाई में व्यक्त करना क्या कहलाता है। – मापन


  • मूल्यांकन प्रक्रिया के कितने अंग होते हैं। – 3


  • मूल्यांकन किस प्रकार की प्रक्रिया है। – निर्णयत्मक


  • उपचारात्मक शिक्षा का उद्देश्य होता है। – विद्यार्थियों की कमजोरियों में सुधार करना


  • बहुविकल्पीय प्रश्न होते हैं। – वस्तुनिष्ठ


  • निबंधात्मक प्रश्नों के अंकों का प्रतिशत कितना होना चाहिए। – 40%


  • वस्तुनिष्ठ प्रश्न कितने प्रकार के होते हैं। – 4


  • परीक्षण विधि के अंतर्गत मूल्यांकन की परिस्थितियां होती है। – अर्ध कृतिम तथा वास्तविक


  • दैनिक मूल्यांकन लाभदायक होता है। – बालक को की तात्कालिक शैक्षिक स्थिति का पता लगाने में


  • मापन के कोई दो कार्य बतलाइए। – निर्देशन एवं परामर्श


  • किस परीक्षण में छात्र को सत्य एवं असत्य में उत्तर देना पड़ता है। – सत्यासत्य परीक्षण में


  • सार्थक ज्ञान के लिए निदान एवं उपचार का पथ प्रशस्त करता है।– सतत मूल्यांकन


  • ” मापन किन्ही निश्चित स्वीकृत नियमों के अनुसार वस्तु को अंक प्रदान करने की प्रक्रिया है” यह कथन किसका है। – स्टीवेंसन का


  • क्रियात्मक धन का लक्ष्य है। – सामान्य ज्ञान की खोज, विशिष्ट ज्ञान की खोज, नवीन शैक्षणिक ज्ञान की खोज


  • वस्तुनिष्ठ प्रश्न होने चाहिए। – 20 अंक के


  • निबंधात्मक प्रश्नों की संख्या होनी चाहिए। – 5


  • आजकल परीक्षाओं में सबसे अधिक किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं। – लघु उत्तरी एवं वास्तुनिष्ठ


  • अध्यापक निर्मित परीक्षण की विशेषता है। – किसी प्रकार के मानक होना अनिवार्य नहीं है


  • मूल्यांकन की क्रियात्मक पक्ष में सम्मिलित है।– समायोजन


  • सतत मूल्यांकन का क्षेत्र होता है। – व्यापक


  • जिसके द्वारा व्यक्ति की विभिन्न ने योग्यताओं का मापन, उसके दायित्व बा विषयों का अध्ययन किया जाता है वह क्या कहलाता है। – मूल्यांकन


  • मूल्यांकन की प्रशासनिक आवश्यकता किस कारण होती है।– शैक्षणिक स्तर की जांच करने के लिए


  • किसके अनुसार” शैक्षणिक मूल्यांकन की प्रक्रिया चतुर्मुखी है” – डॉक्टर पटेल के अनुसार


  • शैक्षणिक मापन के कितने स्तर होते हैं। – चार स्तर : शाब्दिक:, कृमित, अंतराल, अनुपात


  • मूल्यांकन के क्षेत्र में छात्र के व्यक्तित्व के कौन-कौन से अंग आते हैं। – ज्ञान, कुशलताये , रुचियां, योग्यता, बुद्धि


  • मूल्यांकन का क्रियात्मक पक्ष क्या होता है। – स्वभावीकरण करना


  • मापन मूल्यांकन का वह भाग है जो बालक की शैक्षणिक योग्यता को प्रतिशत,, में अंको में प्रदर्शित करता है क्या कहलाता है। – शैक्षणिक मापन


  • एक अच्छे परीक्षण का मुख्य गुण क्या होता है। – अच्छा परीक्षण सम प्रयोजन, उद्देश्य पूर्ण होता है


  • छात्रों के शैक्षणिक कौशल की जांच प्रतिमाह या तिथि वार करना क्या कहलाता है।– सतत मूल्यांकन


  • सतत मूल्यांकन किस प्रकार की प्रक्रिया होती है। – निरंतर चलने वाली प्रक्रिया


  • निरंतर मूल्यांकन योजना किसे कहते हैं। – सतत मूल्यांकन को


  • सतत मूल्यांकन की विधियों का नाम बताइए। – मासिक परीक्षा, सेमेस्टर परीक्षा, सत्र परीक्षा


  • किसी वस्तु के भाव को ग्रहण करने की योग्यता है। – बोध


  • वस्तुनिष्ठ परीक्षण की कोई एक विशेषता बताइए। – इसमें ऐसे प्रश्न होते हैं, जिनकी उत्तर निश्चित व संक्षिप्त होते हैं


  • उत्तम परीक्षण की विशेषता होती है। – वैधता, विश्वसनीयता


  • जब परीक्षण करने से बार-बार एक जैसा ही परिणाम आए, तो इसे क्या कहते हैं। – विश्वसनीयता


  • औषध बुद्धि स्तर के छात्र की बुद्धि लब्धि कितनी होती है।– 90 से 110


  • कक्षा गत समस्या का समाधान किसके द्वारा किया जाता है। – क्रियात्मक अनुसंधान


  • वस्तुनिष्ठ परीक्षा की विशेषता है। – विश्वसनीयता, वैधता, वास्तुनिष्ठता


  • अपचारी शिक्षण की विधि है। – अनुवर्ग शिक्षण, स्वामित्व अधिगम


  • मूल्यांकन द्वारा पता चलता है। – छात्रों के व्यवहार परिवर्तन का


  • विकासात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं – प्रस्तुतीकरण में


  • मूल्यांकन की प्रक्रिया छात्रों को क्या देती है। – श्रेष्ठ कार्य करने की प्रेरणा


  • निबंधात्मक परीक्षा की विशेषता होती है। – उपयोगिता


  • ” मूल्यांकन की प्रक्रिया की व्यापकता विद्यार्थियों के समस्त व्यक्तित्व पर अपने प्रसार का उल्लेख करती है ना कि केवल उसकी बौद्धिक उपलब्धि का” यह कथन किसका है। – रेमसर्जगेज का


  • बहु वैकल्पिक प्रश्न होते हैं। – वस्तुनिष्ठ प्रश्


  • अच्छे प्रश्नों के निर्माण की सर्वाधिक प्रमुख विशेषता होती है। – उद्देश्य एवं प्रयोजन


  • ” निरीक्षण आंख द्वारा विचार पूर्वक किया गया अध्ययन है” किसका कथन है। – युग का


  • ” परीक्षण- योग्यता निष्पत्ति जा उपलब्धि रुचि आदि का मापन करने के लिए परीक्षा या प्रश्नावली या किसी प्रकार की युक्ति या विधि है” यह परिभाषा किसकी द्वारा दी गई है। – सी.बी गुड


  • प्रश्नों के कई प्रकार होते हैं पौधे एवं जानवरों में चार अंतर बताएं यह प्रश्न किस प्रकार के प्रश्न का उदाहरण है। – लघु उत्तरीय प्रश्न


  • एक चित्र के द्वारा डॉक्टर कि रोगी का परीक्षण करते हुए दिखाया जा रहा है, यह कौन से प्रश्न का प्रकार है। – चित्रात्मक प्रश्न


  • आलोचनात्मक चिंतन का अर्थ होता है। – सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों चिंतन


  • आकलन मूल्यांकन की कौन सी प्रक्रिया होती है। – संक्षिप्त प्रक्रिया


  • मूल्यांकन शिक्षक एवं शिक्षार्थी दोनों के लिए किस प्रकार का कार्य करता है। – पुनर्बलन का


  • विद्यालय आधारित मूल्यांकन किस प्रकार का होता है। – बहुआयामी


  • अधिगम में आकलन किस लिए आवश्यक होता है। – प्रेरणा के लिए


  • गणित में अधिगम निर्योग्यता का आकलन किस परीक्षण द्वारा सर्वाधिक उचित तरीके से किया जा सकता है। – निदानात्मक परीक्षण


  • मार्गदर्शन का प्रयोजन है। – मूल्यांकन की बहु विध मॉडलओं का प्रयोग


  • कौन-सा व्यवहार बच्चे को अधिगम-निर्योग्यता की पहचान करता है? – मनोभाव का जल्दी-जल्दी बदलना (मूड स्विंग्स)


  • बच्चों में अमूर्तमान प्रत्ययों को ग्रहण करने की योग्यता होती है? – .प्रतिभाशाली

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

संप्रेषण की परिभाषाएं(Communication Definition and Types In Hindi)

  संप्रेषण की परिभाषाएं(Communication Definition and Types In Hindi) संप्रेषण का अर्थ ‘एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को सूचनाओं एवं संदेशो...