समावेशी शिक्षा (Inclusive Education): Important Notes
Inclusive Education : ” ऐसी शिक्षा जहां पर सामान्य बालको के साथ – साथ दिव्यांग बालको को भी एक ही कक्षा में एक साथ बैठाकर कर शिक्षा दी जाए उसे समावेशी शिक्षा कहते हैं।”
अतः इसे हम इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि “समावेशी शिक्षा”(Inclusive Education) एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है। जिसमे शिक्षा का समावेशीकरण यह बताता है, कि विशेष शैक्षणिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक सामान्य छात्र और एक दिव्यांग को समान शिक्षा प्राप्ति के अवसर मिलने चाहिए। इसमें एक सामान्य छात्र एक दिव्याग छात्र के साथ विद्यालय में अधिकतर समय बिताता है।
What is Inclusive Education?
समावेशी शिक्षा अनिवार्य रूप से एक कक्षा मॉडल है। इस कक्षा में, विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों (सीखने की अक्षमता के साथ) को बिना विकलांग छात्रों को पढ़ाया जाता है। विकलांगों में दृष्टि हानि, चलना या मुद्रा क्षीणता, भाषण और भाषा विकासात्मक मुद्दे, सुनने की समस्याएं आदि शामिल हो सकते हैं। विशेष शिक्षा की आवश्यकता वाले बच्चे अपना अधिकांश समय स्कूल में गैर-विशेष जरूरतों वाले बच्चों के साथ बिताते हैं। इस मॉडल को अक्सर सह-शिक्षण सुविधा की आवश्यकता होती है, जिसका अर्थ है कि एक विशेष शिक्षा शिक्षक और सामान्य शिक्षा शिक्षक दोनों एक ही कक्षा में मौजूद हैं और एक साथ पढ़ाते हैं। इसीलिए इस दृष्टिकोण को इंटीग्रेटेड को-टीचिंग (ICT) या सहयोगी टीम टीचिंग (CTT) भी कहा जाता है।
स्व-निहित कक्षाओं के अलावा समावेशी कक्षाओं को जो सेट करता है वह यह है कि पूर्व में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को हल्के-मध्यम विकलांग छात्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। हालांकि, स्व-निहित कक्षाओं में छात्रों को महत्वपूर्ण या एकाधिक सीखने की अक्षमता माना जाता है। वास्तव में, समावेश मॉडल विकलांग बच्चों के लिए विशिष्ट कक्षाओं की अस्वीकृति पर आधारित है क्योंकि अलगाव सभी छात्रों को परेशान करता है।
Inclusive Education Important Facts
- समावेशी शिक्षा एक शिक्षा प्रणाली है इसके अनुसार एक सामान्य छात्र और एक विशेष छात्र( विकलांग) को समान शिक्षा प्राप्ति के अवसर मिले।
- इसमें, एक दिव्यांग छात्र साथ साथ शिक्षा प्राप्त करते हैं।
- समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय या कक्षा को स्वीकार नहीं करती है ।
- विकलांग बच्चों को भी सामान्य बच्चों की तरह ही शैक्षणिक गतिविधि में भाग लेने का अधिकार होता है।
- यह विशिष्ट बच्चों को आत्मनिर्भर बना कर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ती है।
- समावेशी शिक्षा प्रत्येक बच्चों को व्यक्तिगत शक्तियों का विकास करती है।
- Inclusive Education (समावेशी शिक्षा ) प्रत्येक बच्चों को व्यक्तिगत शक्तियों का विकास करती है।
- समावेशी शिक्षा सम्मान और अनेक अपनेपन की संस्कृति के साथ व्यक्तिगत मतभेदों को स्वीकार करने के लिए भी अवसर प्रदान करती है।
- यह प्रत्येक प्रकार तथा श्रेणी के बालकों में आत्मनिर्भरता की भावना का विकास करती है।
- समावेशी शिक्षा केवल विकलांग बच्चों तक नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है, किसी भी बच्चे का बहिष्कार न करना।
Inclusive Education,(समावेशी का अर्थ )
“समावेशी शिक्षा से अभिप्राय है कि छात्रों को सार्थक शिक्षा अनुकूल तम पर्यावरण में उपलब्ध कराई जाए”
समावेशी शिक्षा को मुख्यतः तीन भागों में रखा गया है। (Inclusive education is mainly placed in three parts)
1. शारीरिक,मानसिक विकलांग
2. अभिगमन आसक्त
3. अनुसूचितजाति , अनुसूचित जनजाति निर्धन एवं पिछड़े वर्ग के बच्चे
# समावेशी शिक्षा की आवश्यकता क्यों है?
- सामान्य मानसिक विकास हेतु
- सामाजिक एकीकरण हेतु
- शैक्षणिक एकीकरण हेतु
- समानता के सिद्धांत के अनुपालन हेतु
- फिजूलखर्ची कम करने हेतु
# समावेशी शिक्षा का उद्देश्य:
(Objective of Inclusive Education)
- विशिष्ट बच्चों को आत्मनिर्भर बना कर उनको समाज में मुख्यधारा से जोड़ना
- बच्चों में आत्मनिर्भर की भावना का विकास करना
- यह सुनिश्चित करना कि कोई भी बच्चा हो चाहे वह शारीरिक अपंग हो अपंगता से ग्रस्त हो फिर भी उसे शिक्षा के समान अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता है
- विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे
- आत्मनिर्भरता की भावना का विकास करना
- शैक्षणिक में प्रजातांत्रिक मूल्यों की स्थापना करना
- समाज में दिव्यांग अत संबंधी फैली बुराइयों को दूर करना
- दिव्यांग बालकों को शिक्षित कर मुख्यधारा से जोड़ना
- लैक्टिक बालक का यह अधिकार है कि वह अपना विकास प्राप्त क्षमताओं के अनुसार कर सके शिक्षा का उद्देश्य सभी बालकों का सर्वांगीण विकास करना है
- समावेशी शिक्षा केवल विकलांग बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि इसका अर्थ कोई भी बच्चे का बहिष्कार ना हो
- अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए शिक्षा मुहैया कराने हेतु भारतीय संविधान की धारा ओं 15(4), 45 और 46 विशेष प्रावधान दिया गया है
- विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे बच्चों की श्रेणी में शारीरिक रूप से अक्षम, प्रतिभा शाह, सजना, मंद बुद्धि, शैक्षणिक रूप से श्रेष्ठ एवं पिछड़े बाल अपराधी, समाज, समझ संवेग, स्थित आयुक्त आदि प्रकार के बच्चे सम्मिलित होते हैं
# मानसिक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को चार वर्गों में विभाजित किया गया है
- दृष्टि बाधित
- श्रवण बाधित
- वाक् दोष
- अस्थि बाधित
# समावेशी शिक्षा प्रक्रिया
(1) सामान्यीकरण
(2) संस्था रहित शिक्षा
(3) शिक्षा की मुख्यधार
(4) समावेश
समावेशी शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण वन लाइनर इस प्रकार हैं- दो व्यक्तियों का संपर्क जिसमें एक व्यक्ति को किसी प्रकार की सहायता दी जाती है कहलाता है। – परामर्श
- पिछड़े बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है। – 85 से कम
- वर्तमान में निशक्त बच्चों की शिक्षा को क्या कहते हैं। – समावेशी शिक्षा
- वह बच्चे जो समावेशी शिक्षा से संबंधित होते हैं कहलाते हैं। – समावेशी बच्चे
- टर्मन के अनुसार प्रतिभाशाली बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है। – 140 से अधिक
- सामान्य बच्चे तथा विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों दोनों की बुद्धि लब्धि होती है। – 90 से 110
- डॉक्टर मुखर्जी के अनुसार,“वरिष्ठ अध्यापक अथवा प्रधान अध्यापक द्वारा किए गए मूल्यांकन को क्या कहते हैं”। – निरीक्षण
- सरकारी संगठनों के नाम या परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग कौन-कौन से हैं। – 1. डायट विभाग 2. जिला चिकित्सा 3. मनोविज्ञान शाला इलाहाबाद विभाग
- लायंस क्लब, रोटरी क्लब, जैसी, धर्मार्थ संगठन क्या है । – गैर सरकारी संगठन है
- बुद्धि लब्धि मापन के जन्मदाता व बुद्धि लब्धि का सूत्र किसने दिया । – टर्मन I.Q=M.A/C.A x100
- दृष्टि बाधित बालक किसकी सहायता से पढ़ते हैं। – ब्रेल लिपि
- श्रवण बाधित( जो सुन ना सके) बालक को पढ़ने के लिए कौन सी भाषा प्रयुक्त की जाती है – सांकेतिक भाषा
- भाषा विकास का सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया । – चौमस्की
- प्रगतिशील शिक्षा के प्रतिपादक है। – जॉन डीवी
- निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा किस अनुच्छेद से संबंधित है। – अनुच्छेद 21(A)
- मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र कहां पर स्थित होता है। – जिले पर
- शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को सामान्यता होता है. – डिसग्राफिया
- एक बच्चा जो saw को was तथा nuclear एवं unclear में अंतर नहीं कर पाता वह ग्रस्त होता है. -डिस्लेक्सिया से
- एलेक्सिया क्या है। – पढ़ने की क्षमता
- ब्रेन लिपि किन बच्चों से संबंधित है. – दृष्टि बाधित बच्चों से
- अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम बताइए जो पोलियो ग्रस्त थे। – रुजवेल्ट
- 16 PF परीक्षण के जन्मदाता है। – रेमंड कैचर
- मनोविज्ञान शाला की स्थापना कब व कहा की गई। – 1947 मे इलाहाबाद (U.P)
- मनोविज्ञान शाला की स्थापना किसके द्वारा की गई। – आचार्य नरेंद्र देव
- प्रतिभाशाली बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है – 140 से अधिक
- मनोविज्ञान शाला का संस्था प्रमुख क्या कहलाता है।– पदेन निर्देशक
- शारीरिक से अक्षम, मंदबुद्धि, शैक्षणिक रूप से पिछड़े बालक तथा प्रतिभाशाली बालक कहलाते हैं। – विशिष्ट आवश्यकता वाले बालक
- मनोविज्ञान शाला इलाहाबाद के संचालन हेतु कितने पद सृजित हैं। – 2 पद 1. वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक 2. मनोवैज्ञानिक
- जिला चिकित्सालय की विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व कौन करता है। – मुख्य चिकित्सा अधिकारी (cmo)
- सामान्य बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है। – 90 से 110
- शैक्षणिक रूप से पिछड़े बालक की बुद्धि लब्धि होती है। – 85 से कम
- 16 PF परीक्षण का प्रयोग किसके मापन हेतु किया जाता है। – व्यक्तित्व
- ‘व्यावसायिक सूचना’ और ‘ अपना बालक’ समाचार पत्र है। – त्रैमासिक समाचार पत्र
- मनोवैज्ञानिक समस्याओं से युक्त पुस्तके है? – बालाघाट एवं उत्कर्ष
- निर्देशन सेवाओं के लिए उपयुक्त वैज्ञानिक तैयार करने के लिए मनोवैज्ञानिक शाला में एक सत्रीय कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाता है उस कोर्स क्या नाम है – डिप्लोमा इन गाइडेंस साइकोलॉजी
- मनोविज्ञान शाला उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में मंडल स्तर पर स्थापना की है। – मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र
- जिला चिकित्सालय की विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व कौन करता है। – मुख्य चिकित्सा अधिकारी
- छोटे विद्यालयों के लिए परामर्श सेवा संगठन का कौन सा प्रारूप उपयुक्त माना जाता है? – रेखा संगठन
- उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम कब अस्तित्व में आया? – 1972
- बालकों को पर्याप्त वाचिक अधिगम बंद करने के लिए बच्चों को दिया जाने वाला अनुदेशन कहलाता है। – निर्देशन व परामर्श
- मंद बाधित बच्चे का डेसीबल स्तर कितना होता है। – 55 से 69 डेसीबल(बाधिता का प्रतिशत40-50%)
- कम बाधित बच्चों का डेसीबल स्तर होता है। – 35 से 51 डेसीबल (बाधिता का प्रतिशत 40% )
- गंभीर बाधित बच्चों का डेसीबल स्तर कितना होता है। -70 से 89 डेसीबल (बाधिता का प्रतिशत 50-75%)
- पूर्ण बाधित गहन बाधित बच्चे बच्चों का डेसीबल कितना होता है। – 90 से 100 डेसीबल (बाधिता का प्रतिशत100%)
- आंशिक शारीरिक रूप से अक्षम बच्चों को कितने वर्गों में बांटा जाता है । – चार वर्गों में
- पिछड़े बच्चों को परिभाषित करने के लिए प्रयोग करते हैं। – शैक्षणिक लाभ भी
- ” पिछड़े बच्चे वे होते हैं जिसकी शैक्षणिक लाभ दिया शिक्षा अंक 05 से कम ” यह कथन किसका है। – सिरील्बर्ट का
- प्रतिभाशाली बच्चों की शिक्षा से संबंधित बिग हर्स्ट की पुस्तक का नाम है। – A Survey of The Education Gifted children
- सामान्य बच्चे का आई क्यू होता है। – 90 से 110
- व्यक्तित्व संबंधी T.A.T परीक्षण का निर्माण किसने किया। – मुरे एवं मार्गन
- टर्मन के अनुसार प्रतिभाशाली बच्चों की बुद्धि लब्धि कितनी होती है। – 140 से ऊपर
- NIVH का पूरा रूप क्या है। – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअली हैंडीकैप
- NIVH कहां स्थित है। – देहरादून
- शारीरिक, बौद्धिक सामाजिक या अन्य स्थितियों में भेदभाव के बिना सभी बच्चों को एक साथ शिक्षा देने की व्यवस्था है। – समावेशी शिक्षा
- आई. ई.डी. सी .योजना किससे संबंधित है। – विकलांग बालकों हेतु समा के थिक शिक्षा योजना
- आई. ई.डी.एस. एस. – केंद्र( भारत सरकार) द्वारा प्रायोजित माध्यमिक स्तर पर समावेशी शिक्षा योजना
- पी. डब्ल्यू.डी .योजना अधिनियम – निशक्तजन अधिनियम( समान अवसर, अधिक, और), 1995- भारतवर्ष में विकलांगता से संबंधित विस्तृत अधिनियम है.
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