प्रश्न पूछना: हम बीमार क्यों पड़ते हैं
यह इकाई किस बारे में है
यह इकाई अच्छे प्रश्न पूछने, विद्यार्थियों के उत्तरों पर प्रतिक्रिया देने तथा विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित करने के बारे में है।
शिक्षक अपना 35 से 50 प्रतिशत समय कक्षा में प्रश्न पूछने में बिताते हैं। प्रभावी प्रश्न पूछने से विद्यार्थी की सीखने की क्षमता बढ़ती है। अच्छे प्रश्न पूछकर अपने विद्यार्थियों का ध्यान मुख्य अवधारणाओं की ओर आकर्षित किया जा सकता है और उनकी समझ को बेहतर बनाने में मदद की जा सकती है। इससे आपको यह पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि विषय के बारे में आपके विद्यार्थी क्या जानते और समझते हैं? जिससे यदि आवश्यक हो तो आप अपने तरीके में सुधार ला सकते हैं। यद्यपि, प्रभावी ढंग से प्रश्न पूछना शिक्षकों के लिए कठिन होता है। विचारात्मक प्रश्न अलग–अलग प्रकार के होते हैं, और कई प्रकार के प्रश्नों को अलग–अलग तरीकों से पूछे जा सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप उसी प्रकार के प्रश्न पूछें, जो विद्यार्थियों के सोचने और सीखने को बढ़ाने में सहायक हों। इसके लिए ध्यानपूर्वक नियोजन की आवश्यकता होती है। विद्यार्थियों के उत्तरों पर आप जिस तरह प्रतिक्रिया करेंगे, उससे यह भी तय होगा कि आपका प्रश्न पूछने का तरीका, सीखने को बढ़ावा देने के लिहाज से, कितना प्रभावकारी है। जैसा कि आप पाएंगे कि पूछने के लिए अच्छे प्रश्नों के बारे में सोचने से स्वयं आपको विषय को समझने में मदद मिलेगी और यह आपके विद्यार्थियों पर भी लागू होता है। इसलिए ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिसमें विद्यार्थी स्वयं आगे बढ़कर प्रश्न पूछने का आत्मविश्वास महसूस करें जो आपको एक प्रभावकारी शिक्षक बनने में मदद करेगा।
इस विषय के विचारों को कक्षा IX के विषय ’हम सब क्यों बीमार पड़ते हैं?’ के माध्यम से उदाहरणों के साथ समझाया जाएगा, लेकिन ये उन सभी विषयों पर भी लागू होते हैं, जो आपको विज्ञान में पढ़ाने पड़ेंगे।
आप इस इकाई में क्या सीख सकते हैं
• अलग–अलग प्रकार के प्रश्न पूछने का महत्व और अलग–अलग प्रकार के प्रश्न कैसे तैयार करें?
• अपनी कक्षा में प्रश्न पूछने के कुछ अलग–अलग तरीके।
• विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने के लिए किस प्रकार प्रोत्साहित करें।
यह दृष्टिकोण क्यों महत्वपूर्ण है
प्रश्न पूछना, यह पता लगाने का महत्वपूर्ण तरीका है कि आपके विद्यार्थी क्या जानते हैं? और क्या समझते हैं? लेकिन शिक्षक अन्य कारणों से भी प्रश्न पूछते हैं–
• पूर्व ज्ञान और समझ को परखने के लिए
• विद्यार्थियों के चिंतन को यथार्थपरक और तथ्यात्मक से आगे बढ़ाकर विश्लेषणात्मक बनाने के लिए
• नयी समझ विकसित करने के लिए वर्तमान ज्ञान की सहायता से ज्ञान को स्मरण करने में विद्यार्थियों की सहायता करने के लिए
• मुख्य जानकारियों को उत्तरोत्तर सिद्ध करने वाले एक नियोजित अनुक्रम के द्वारा विद्यार्थियों का नेतृत्व करने के लिए
• रुचि, चुनौती को उकसाने और विचार तथा समझ को प्रोत्साहित करने के लिए
• तर्क क्षमता, समस्या–समाधान, मूल्यांकन और परिकल्पना को सूत्रबद्ध करने को बढ़ावा देने के लिए
• उनके सीखने के तरीके के बारे में उनमें जागरूकता बढ़ाने के लिए।
प्रश्न पूछने का उपयोग कक्षा प्रबंधन के साधन के रूप में भी किया जा सकता है। इनका उपयोग ऊब रहे विद्यार्थियों का ध्यान लगाने या विषय से भटके हुए विद्यार्थियों को फिर विषय से जोड़ने के लिए किया जा सकता है। इनका उपयोग विद्यार्थी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
प्रमाण दर्शाते हैं कि फीडबैक देना और पूरी कक्षा के साथ संवाद करते हुए पढ़ाना शिक्षण की दो सबसे प्रभावकारी विधियां हैं। प्रश्न पूछना आपके लिए फीडबैक देने का और विद्यार्थियों के लिए भी एक दूसरे को फीडबैक देने का अवसर प्रदान करता है। महत्व की बात यह है कि पूरी कक्षा के शिक्षण को बातचीत पर आधारित बनाने के लिए प्रश्नों का उपयोग किया जा सकता है।
पूरी कक्षा के शिक्षण को संवादमूलक बनाने के लिए (पैटी, 2009) शिक्षकों को चाहिए कि वे–
• चुनौतीपूर्ण और रोचक प्रश्न पूछें।
• विद्यार्थियों को सम्मिलित रखने के उद्देश्य से यदि आवश्यक हो तो उत्तर देने के लिए उनका नाम पुकारते हुए पूर्ण भागीदारी की अपेक्षा करें।
• यदि उत्तर कमजोर हों तब भी विद्यार्थियों के सभी उत्तरों के प्रति सम्मान प्रकट करें।
• विद्यार्थियों को उनके विचार स्पष्ट करने के लिए कहें।
• विद्यार्थियों को प्रश्नों के प्रति एक दूसरे के उत्तरों पर प्रतिक्रिया देने के लिए आमंत्रित करें।
यह सोचना कि, आप अपने प्रश्नों से क्या हासिल करने का प्रयत्न कर रहे हैं? अपने प्रश्नों के लिए योजना बनाना तथा अपने विद्यार्थियों के उत्तरों को ध्यानपूर्वक सुनना, प्रभावी प्रश्न पूछने की कुंजी है। संसाधन 1 में प्रभावी ढंग से प्रश्न पूछने के उपयोग के बारे में काफी–कुछ विवरण समाहित है।
वीडियोः सोच–विचार को बढ़ावा देने के लिए प्रश्न पूछने का उपयोग करना
1 अलग–अलग प्रकार के प्रश्नों के बारे में सोचना
विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का वर्गीकरण करने के कई तरीके होते हैं। इनमें से सबसे सरल वर्गीकरण की प्रणाली प्रश्नों को या तो खुले या बंद प्रश्न के रूप में व्यक्त है। चित्र 1 खुले और बंद प्रश्नों के बीच अंतर को दर्शाता है।
1 खुले और बंद प्रश्नों के बीच अंतर।
शिक्षकों में बहुत अधिक बंद प्रश्न पूछने की प्रवृत्ति होती है, जिसके लिए विद्यार्थियों को सोचने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
’खुले’ प्रश्न विद्यार्थियों को याद्दाश्त को दोहराने से आगे जाने के लिए प्रेरित करते हैं और उनमें सारांश बनाना, तुलना, अंतर स्पष्ट करना, व्याख्या, विश्लेषण तथा मूल्यांकन करने जैसे विचार के अधिक जटिल कौशलों के विकास में मदद करते हैं।
प्रायः एक बंद प्रश्न के बाद सहयोगात्मक रूप में एक अधिक चुनौतीपूर्ण खुला प्रश्न पूछा जा सकता है। उदाहरण के लिए, ’हाइड्रोक्लोरिक एसिड का पीएच (pH) क्या है?’ के बाद यह पूछा जा सकता है कि ’हमें यह कैसे पता?’ या ’यह हमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड के बारे में क्या बोध कराता है?’
गतिविधि 1: अच्छे प्रश्न तैयार करना
यह गतिविधि आपके लिए अपनी योजना के अंग के रूप में करने के लिए है। यह गतिविधि अपने एक साथी के साथ करना लाभदायक होगा।
निपुण शिक्षक अच्छे प्रश्न पूछते हैं। निपुण बनने के लिए आपको अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। आप ’हम क्यों बीमार पड़ते हैं?’ विषय पढ़ाना प्रारंभ करने से पहले प्रश्नों का एक सेट तैयार कीजिए, जो आप अपने विद्यार्थियों से पूछ सकें और पता लगा सकें कि वे पहले से क्या जानते हैं? आपको कुछ सरल बंद प्रश्नों की आवश्यकता होगी जिससे सिद्ध होगा कि वे ’वायरस’ या ’संक्रमण’ जैसे मुख्य शब्दों को समझते हैं या नहीं। आपको अधिक खुले प्रश्नों की भी आवश्यकता होगी जो अपेक्षाकृत लंबे उत्तरों की मांग करते हैं। इनसे आपको यह स्थापित करने में मदद मिलेगी कि वे इस बारे में पहले से कितना जानते हैं कि बीमारियां कैसे फैलती हैं और इनका उपचार किस तरह किया जाता है?
जब आपने कुछ प्रश्न तैयार कर लिए हों, तो अपने प्रश्नों को किस प्रकार से पूछें? इसकी योजना बनाने के लिए संसाधन 2 का उपयोग कीजिए।
2 प्रश्न पूछने की तकनीकें
पूरी कक्षा से प्रश्न पूछना सभी शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक है। यहां पूरी कक्षा से प्रश्न पूछने का एक तरीका दिया गया है, जो प्रत्येक विद्यार्थी को भाग लेने का अवसर देता है – सक्रिय रूप से सीखने की तकनीक ।
गतिविधि 2: बैक्टीरिया और वायरस के बीच अंतर सिखाने के लिए नए प्रश्न पूछने की तकनीक का अभ्यास करना
ऐसे प्रश्न को बोर्ड पर लिखें– ’बैक्टीरिया और वायरस में क्या–क्या अंतर हैं?’ (कृपया ध्यान रखें कि यदि आप यह विषय पहले पढ़ा चुके हों, तो आप किसी और प्रश्न का उपयोग कर सकते हैं?)
अपने विद्यार्थियों को चार से छहः के समूहों में विभाजित करें। प्रत्येक समूह को इस प्रश्न के उत्तर में अपने कुछ विचार लिखने के लिए पांच मिनट का समय दें। आप उन्हें जानकारी निकालने का प्रयास करने के लिए पाठ्यपुस्तक का उपयोग करने दे सकते हैं। जब वे काम कर रहे हों तो आप कक्षा में घूमें और प्रत्येक समूह में से किसी एक को उस समूह की ओर से उत्तर देने के लिए नामित करें।
समूह को ध्यान में रखते हुए आप उनकी प्रगति में मदद कर सकने वाले कुछ त्वरित प्रश्न भी पूछ सकते हैं, जैसेः बैक्टीरिया से कौन–कौन सी बीमारियाँ होती हैं? वायरस शरीर में कहां रहते हैं?
पांच मिनट बाद, अपने विद्यार्थियों से पूछें कि क्या उन्हें कुछ और समय की आवश्यकता है? यदि, वार्तालाप अभी चल रहे हों, तो उन्हें दो मिनट और दें।
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, विद्यार्थियों को यह समझना आवश्यक है कि वायरस और बैक्टीरिया दो अलग–अलग प्रजातियों के हैं और अलग–अलग तरीकों से काम करते हैं। वे अलग–अलग बीमारियाँ पैदा करते हैं।
अब प्रत्येक समूह से उनके विचार पूछें। सीधे उत्तर देने के लिए कहने की बजाय, उनसे श्रृंखलाबद्ध प्रश्न पूछने चाहिए जिससे उनकी समझ की परख होगी।
प्रत्येक समूह से एक प्रश्न पूछें। यदि नामित विद्यार्थी उत्तर नहीं दे सके, तो उन्हें अपने सहपाठियों से मदद लेने का अवसर दें। यहां कुछ प्रश्न सुझाए गए हैं–
बैक्टीरिया और वायरस के शरीर पर क्या–क्या प्रभाव होते हैं?
बैक्टीरिया से कौन–कौन सी बीमारियाँ होती हैं?
वायरसों के कारण होने वाली आम बीमारियाँ कौन सी हैं?
बैक्टीरिया बहुसंख्या में कैसे बढत़े हैं?
एंटीबायोटिक्स कैसे काम करते हैं?
यदि एक समूह द्वारा दिया गया उत्तर पूर्णतः सही या पर्याप्त स्पष्ट न हो, तो वह प्रश्न दूसरे समूह की ओर बढ़ा दें। क्या, आप इससे सहमत हैं? क्या आप इसमें कुछ जोड़ सकते हैं?
उत्तरों को ब्लैकबोर्ड पर लिखें, या किसी विद्यार्थी से कक्षा के लेखक का काम करने के लिए कहें। जानकारी को व्यवस्थित करने की चिंता न करें। बस समूहों द्वारा बताई गई मुख्य बातों को लिखते जाएं।
प्रत्येक समूह को जब उत्तर देने का अवसर मिल गया हो, तब जांच करें कि बोर्ड पर लिखी सारी जानकारी स्वीकृत वैज्ञानिक चिंतन हैं या नहीं।
फिर अपने विद्यार्थियों को जोड़ी बनाकर कार्य करते हुए अपनी–अपनी अभ्यास पुस्तिकाओं में बैक्टीरिया और वायरस के बीच के अंतरों की सूची बनाने के लिए कहें। वे बोर्ड पर लिखी जानकारी का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसे उन्हें स्वयं ही क्रमबद्ध करना होगा।
विचार के लिए रुकें
इस दृष्टिकोण पर आपके विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया कैसी थी?
इस गतिविधि को करते हुए आपने अपने विद्यार्थियों की समझ के बारे में क्या जाना?